बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम प्राध्यापक की भर्ती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समूह ने सोमवार को फिर से धरना दिया और कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने नियुक्ति में हुई ‘‘अनियमितता’’ को ठीक नहीं किया है।
नवोदय टाइम्स पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को दिन में दिये गए इस धरने के कारण विभाग में कक्षायें फिर से बाधित हुईं।
छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने संस्कृत के विभागाध्यक्ष के इस आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया था कि उनकी मांगों पर दस दिन के भीतर उन्हें जवाब मिल जाएगा।
छात्र समूह ने दावा किया था कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक मुस्लिम शिक्षक संस्कृत नहीं पढ़ा सकता । छात्रों के इस रूख का विवि के अधिकारियों, अन्य छात्रों एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने विरोध किया था।
विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में एक मुस्लिम प्राध्यापक फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में छात्रों ने करीब एक महीने तक धरना दिया था और प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नेता चक्रपाणि ओझा ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी छात्रों को दस दिन की अवधि समाप्त हो जाने के बावजूद अब तक कोई जवाब नहीं मिला है ।
मुस्लिम प्राध्यापक की नियुक्ति के बाद सोमवार को छात्रों ने संस्कृत विद्या धर्म संकाय के समक्ष धरना दिया । धरना देने वालों में अधिकतर छात्र विद्यार्थी परिषद के हैं। विश्वविद्यालय ने इस नियुक्ति का समर्थन किया है।