अमेरिका राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन ने सीएए-एनआरसी का विरोध किया

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने भारत में कश्मीर की स्थिति, समान नागरिकता क़ानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर असहमति जताई है, निराशा प्रकट की है और स्थिति दुरुस्त करने के लिए ज़रूरी कदम उठाने को कहा है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में है और जो बाइडन के चुनाव जीतने व राष्ट्रपति बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए उनकी कही बातों का महत्व है।
जो बाइडन के प्रचार के लिए बनी जो बाइडन.कॉम पर ‘मुसलिम अमेरिकी समुदाय के लिए जो बाइडन का अजेंडा’ पोस्ट किया गया है। इसमें मुसलमानों के बारे में जो बाइडन के विचार और उनकी नीतियों का उल्लेख किया गया है।

कश्मीर

इसमें कश्मीर की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा गया है, ‘भारत सरकार को कश्मीर के लोगों के अधिकार को बहाल करने के लिए ज़रूरी कदम उठाना चाहिए। असहमति को दबाने, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने और इंटरनेट को धीमा करने या उस पर प्रतिबंध लगाने से लोकतंत्र कमज़ोर होता है।’

इसमें चीन के शिनजियांग प्रांत के उइगुर मुसलमानों और म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में भी कहा गया है।

सीएए-एनआरसी

जो बाइडन के इस अजेंडे में समान नागरिकता क़ानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बारे में कहा गया है, भारत सरकार ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स को लागू करने और देश में नागरिकता संशोधन क़ानून को पारित करने के लिए भारत सरकार ने जो कुछ किया, उससे जो बाइडन निराश हैं।’ इसके आगे कहा गया है कि ‘ये (सीएए और एनआरसी) भारत की धर्मनिरपेक्षता, बहु-नस्लीय और बहु-धार्मिक परंपराओं से मेल नहीं खाते हैं।’