ट्रम्प शासन के दौरान H-1B वीजा पर आपत्तियों पर पुनर्विचार करेंगे बाइडेन!

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जो बाइडन प्रशासन ने पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियम में देरी के लिए शुक्रवार को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह नियम एच-1बी वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य न्यूनतम वेतन में वृद्धि से संबंधित है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, यानी अब अमेरिका में सिर्फ ऊंचे वेतन वाले विदेशी कर्मचारियों को ही एच-1बी वीजा जारी होने की बाध्यता निर्धारित अवधि से भी आगे कर दी जाएगी।

इससे पहले एक फरवरी 2021 को श्रम मंत्रालय ने अमेरिका में अस्थायी और स्थायी रोजगार के लिए वेतन संरक्षण नियम की प्रभावी तारीख में देरी का प्रस्ताव दिया था।

इससे पहले 14 जनवरी 2021 को संघीय रजिस्टर में 60 दिनों की एक निर्धारित अवधि के लिए ही इसे टाला गया था।

शुक्रवार को अमेरिकी श्रम मंत्रालय की प्रकाशित औपचारिक अधिसूचना में कहा गया है कि वह इस बात पर विचार कर रहा है कि अंतिम नियम की प्रभावी तिथि और उसके साथ क्रियान्वयन की अवधि में और देरी की जाए।

फिलहाल यह तिथि 14 मई और एक जुलाई है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि प्रभावी तिथि तथा क्रियान्वयन अवधि में और देरी से पहले मंत्रालय आम लोगों से इस पर राय लेगा।

बता दें कि यह गैर-आव्रजक वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को नियुक्ति देती हैं।

ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के लिए उन्हीं विदेशी कर्मचारियों को वरीयता देने का नियम बनाया गया था जिन्हें अमेरिका में अधिक वेतन दिया जाएगा।

इस हिसाब से सिर्फ बेहद कुशल और ज्यादा वेतन वाले लोगों को ही वीजा मिल पाता और कम वेतन लेकर अमेरिका में काम के इच्छुक इस वीजा से वंचित रह जाते।

ट्रंप प्रशासन ऐसा करके अमेरिकियों के लिए नौकरी के रास्ते खोलने की कोशिश कर रहा था जबकि कंपनियों ने इस नियम का सार्वजनिक विरोध किया क्योंकि इससे उन पर न सिर्फ वेतन भार बढ़ जाएगा बल्कि कुशल श्रमिक बहुत महंगे मिलेंगे। इस नियम के आगे बढ़ने से कई भारतीयों को लाभ मिलेगा।