आज़म खान के जौहर खान युनिवर्सिटी पर अवैध कब्जे छोड़ने का आदेश!

   

समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को बड़ा झटका लगा है। एसडीएम की अदालत ने उन्हें जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया है। साथ ही आजम खान को क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार व कब्जा मुक्त होने तक 9,10,000 प्रति माह की दर से 15 दिन के अंदर वादी लोक निर्माण विभाग को देने के आदेश दिए हैं।

दरअसल, सींगन खेड़ और लालपुर बांध के बीच बनाई गई सड़क पर यूनिवर्सिटी के गेट का निर्माण कर दिया गया। इससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत होने लगी।

लोग निर्माण विभाग ने इसके खिलाफ नोटिस जारी किया तो यूनिवर्सिटी हाईकोर्ट पहुंच गई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि विभाग ने एसडीएम के कोर्ट में केस दायर किया है। यूनिवर्सिटी की ओर से केस किसी और कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, इस सड़क पर जौहर विश्वविद्यालय की ओर से गेट बना लिया गया है। इस गेट की वजह से गांव के लोगों का मार्ग बंद हो गया है। जिस पर क्षेत्र के लोगों ने मांग की थी की उनका रास्ता खुलवाया जाए।

इसको लेकर लोक निर्माण विभाग की तरफ से मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया था। इसमें मार्ग से निर्माण हटाने को कहा गया था लेकिन जौहर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाईकोर्ट की शरण ले ली थी।

सरकार ने आजम को भू माफिया की लिस्ट में शामिल किया है
राज्य सरकार ने रामपुर से सपा के सांसद आजम खान को भू-माफिया लिस्ट में शामिल कर दिया है।

आजम पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन हड़पने का मामला दर्ज हुआ है। इसके बाद यूपी सरकार ने उनका नाम भू-माफिया की लिस्ट में शामिल कर दिया।

आजम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर फर्जी है और यह बदले की भावना से किया जा रहा है।

सांसद आजम खान और उनके एक सहयोगी के खिलाफ 26 किसानों की 5 हजार हेक्टेयर जमीन हड़पकर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में इस्तेमाल करने का संगीन आरोप है।

वह अब भू-माफिया की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। रामपुर प्रशासन ने राज्य सरकार के एंटी-भू माफिया पोर्टल पर आजम खान को पहले ही सूचीबद्ध कर दिया है।