सऊदी अरब के प्रिंस सलमान पर लगा गंभीर आरोपों!

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एक पूर्व सऊदी जासूस ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर उनकी हत्या के लिए खूनी दस्ता भेजने का आरोप लगाया है। कथित तौर पर प्रिंस ने यह विशेष दस्ता उन्हें मारने के लिए कनाडा भेजा था।

 

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, सऊदी अरब की गुप्तचर सेवा के एक पूर्व अधिकारी साद अलजबरी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दायर किया है।

 

उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रिंस सलमान ने सन 2018 में उनकी हत्या करवाने के लिए मर्डर स्क्वॉड कनाडा भेजा था।

 

यह घटना तब की है जिसके कुछ ही हफ्ते पहले तुर्की में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या हुई थी। खशोगी की हत्या 2 अक्टूबर 2018 को हुई थी जिसके पीछे भी सऊदी अरब का हाथ माना जाता है।

 

पूर्व जासूस अलजबरी इस खूनी दस्ते को प्रिंस मोहम्मद का “निजी खूनी दस्ता, टाइगर स्क्वॉड” बताते हैं। उनका आरोप है कि प्रिंस ने इस दस्ते को उनकी हत्या करने के लिए कनाडा भेजा था।

 

उनके अनुसार इस दस्ते में फोरेंसिंक विशेषज्ञ भी शामिल हैं। यह आपराधिक मामलों के एक्सपर्ट होते हैं और इनके उपकरण इतने उच्च स्तर के होते हैं जो किसी की हत्या करने के बाद उसके शरीर को गायब करने की क्षमता रखते हैं।

 

अलजबरी का आरोप है कि इसी तरह के एक दस्ते ने खशोगी की हत्या के बाद उनके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर लाश को ही गायब कर दिया था।

 

आखिरी बार तुर्की के सऊदी दूतावास में जाते दिखे खशोगी ना तो कभी वहां से बाहर निकलते देखे गए और ना ही कभी उनकी लाश बरामद हुई।

 

अलजबरी बताते हैं कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसी को इस दस्ते पर शक हो गया था और इसीलिए उनकी हत्या की योजना अमल में नहीं आ पाई।

 

उनको डर है कि अब भी उन्हें जान से मारने की कोशिशें चल रही हैं और इसीलिए प्रिंस मोहम्मद ने उनकी मौत के लिए मौलवियों से फतवा यानि एक धार्मिक आदेश जारी करवा लिया है।

 

अमेरिका के वॉशिंगटन की अदालत में उन्होंने मामला दायर किया है। इसमें कहा गया है, “अलजबरी के पास प्रिंस मोहम्मद के कारनामों की ऐसी जानकारियां हैं जो सामने आने पर सऊदी अरब से अमेरिका के रिश्ते खराब कर सकती हैं।

 

अलजबरी ने यह भी लिखा है कि चूंकि वह प्रिंस मोहम्मद के एक प्रतिद्वंद्वी और सऊदी अरब के पूर्व सुरक्षा प्रमुख प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ के काफी करीबी है इसलिए भी उनकी हत्या कराने की कोशिश हो रही है।

 

साद अलजबरी उस समय भी देश के बाहर ही थे जब जून 2017 में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने महल पर कब्जा कर लिया था और प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ को क्राउन प्रिंस से हटाकर उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया था।

 

सऊदी अरब प्रशासन ने अलजबरी को कब्जे में लेने के लिए इंटरपोल का इस्तेमाल करने की भी कोशिश की लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका तो उन्होंने एजेंटों की एक टीम को उनके पीछे अमेरिका भी भेजा।

 

वह कनाडा में अज्ञातवास में रहते हैं, जहां उनका एक बेटा रहता है. उनके बाकी दो बच्चों को पहले तो सऊदी अरब से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई और फिर मार्च में उन्हें घर से उठा लिया गया।

 

इन दोनों बच्चों के बारे में उन्हें तभी से कोई खबर नहीं मिल रही है। अपने केस में प्रिंस मोहम्मद के अलावा 12 अन्य लोगों का भी नाम देते हुए उन्होंने अदालत से अपनी “गंभीर भावनात्मक परेशानी”, घबराहट, अत्यधिक तनाव और दूसरी तकलीफों के लिए दोषियों पर दण्‍डात्मक कार्रवाई करने और उनसे हर्जाना दिलवाने की मांग की है। अमेरिकी अदालत ने भी इस मामले पर कार्रवाई शुरु करने की बात कही है।