नौवीं और 10वीं कक्षा की लड़कियों को सालाना पांच-पांच हजार रुपये और 11वीं और 12वीं कक्षा की छात्राओं को छह-छह हजार रुपये दिये जाते हैं
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष में तीन लाख स्कूली बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुनी है। पिछले वित्तवर्ष में अल्पसंख्यक समुदायों की करीब दो लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी।
New education policy will lay foundation of strong India: Mukhtar Abbas Naqvi https://t.co/QWaWLisppY
— TOI India (@TOIIndiaNews) October 5, 2019
मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’(एमएईएफ) ने स्कूली लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली अपनी ‘बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना’ के कुल बजट में बढ़ोतरी की है।
हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई एमएईएफ की जनरल बॉडी की बैठक में इस छात्रवृत्ति योजना के प्रचार-प्रसार को तेज करने पर सहमति बनी।
एमएईएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,‘‘बेगम हजरत महल योजना के तहत इस बार हमने तीन लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा,‘‘अभी भी इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
हम इस बार कोशिश कर रहे हैं कि जागरूकता फैलाने के अलग अलग माध्यमों से आक्रामक प्रचार अभियान चलाया जाए।‘‘ वित्त वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत करीब दो लाख लड़कियों को छात्रवृत्ति दी गई थी। इसके लिए 100 करोड़करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित था।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत आवेदन करने वाली नौवीं और 10वीं कक्षा की लड़कियों को सालाना पांच-पांच हजार रुपये और 11वीं और 12वीं कक्षा की छात्राओं को छह-छह हजार रुपये दिये जाते हैं।