BSNL और MTNL के विलय का ऐलान, कर्मचारियों के लिए VRS की भी घोषणा

   

मोदी सरकार ने बुधवार को भारत संचार नगर निगम लिमिटेड और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड के मर्जर का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने दोनों कंपनियों के विलय पर मोहर लगा दी। साथ ही कर्मचारियों के लिए वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) की भी घोषणा हुई।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार का बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही इनका विनिवेश भी नहीं किया जाएगा।

इनकी हालत सुधारने को 15000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड जारी किए जाएंगे। 38000 करोड़ रुपए की संपत्ति का मौद्रीकरण किया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए VRS
कर्मचारियों के लिए वीआरएस लाई जाएगी। बीएसएनएल-एमटीएनएल भारत की नीतिगत रूप से महत्वपूर्ण संपत्ति है। कहीं पर भी प्राकृतिक आपदा आती है तो बीएसएनएल का सर्वाधिक सहयोगात्मक रवैया होता है। हमने नेपाल में भूंकप और कश्मीर में बाढ़ आने पर ऐसा देखा है।

सेना और बैंकों का नेटवर्क भी बीएसएनएल के जिम्मे है। दोनों कंपनियों को न तो सरकार बेच रही है और न ही हिस्सा घटा रही है। हम इसमें व्यावसायिकता लाने जा रहे हैं।

कंपनी को 4जी स्पेक्ट्रम दिया जाएगा। अगले चार साल में 38 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का मौद्रीकरण करने का भी फैसला किया गया है। हम आकर्षक वीआरएस पैकेज ला रहे हैं। अगर किसी कर्मचारी की उम्र 53 साल है तो 60 साल तक उसे 125 फीसदी वेतन मिलेगा।

लगेगा कुछ वक्त
बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय होने में कुछ समय लगेगा। तब तक एमटीएनएल, बीएसएनल की सब्सिडरी के रूप में काम करेगी। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय में इन दोनों की बदहाली की वजह से कर्मचारियों को लगातार दिक्कत हो रही है।

तनख्वाह के लिए देना पड़ता था 850 करोड़
उन्हें सैलरी मिलने में भी देरी हो रही है। दरअसल, बीएसएनएल को मासिक वेतन के रूप में 850 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ता है। अभी बीएसएनएल के पास करीब 1.80 लाख कर्मचारी हैं।