SC- ST आरक्षण पर बड़ी खबर, जानिए पुरा मामला?

   

लोकसभा ने मंगलवार को ‘संविधान (एक सौ छब्बीसवां संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों को दिए गए आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ जुर्म के मामलों की जांच दो महीने में और सुनवाई छह महीने में पूरा करने के लिए वह राज्यों को पत्र लिखने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को लिखेंगे कि राज्यों को त्वरित निपटान अदालत में सुनवाई छह महीने में पूरा करनी है क्योंकि यह 2018 में पारित कानून का हिस्सा है।’’

उन्होंने कहा कि 1023 त्वरित निपटान (फास्ट ट्रैक) अदालतों को मंजूरी दी गई है और इससें 400 से अधिक पर काम आगे बढ़ गया है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ‘संविधान (एक सौ छब्बीसवां संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी।

निचले सदन में मत विभाजन में इस विधेयक के पक्ष में 352 मत पड़े और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। संविधान संशोधन विधेयक होने के मद्देनजर इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत एवं उपस्थिति सदस्यों की संख्या के दो तिहाई सदस्यों का समर्थन जरूरी है।

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा, ”लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों को दिये गये आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने के प्रावधान वाला संविधान (126वां संशोधन) विधेयक, 2019, के लोकसभा से पारित होने का स्वागत करता हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं।”