बिहार: थानेदार को लिखित में देना होगा, नहीं बिकती है शराब!

   

बिहार में शराबबंदी को तीन साल से ज्यादा हो गये हैं, लेकिन सरकार अभी तक अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है. इसको देखते हुये नया रास्ता अपनाया गया है.।अब थानेदारों से लिखित में लिया जायेगा कि उनके क्षेत्र में शराब नहीं बिकेगी।

अगर किसी क्षेत्र में शराब पकड़ी जाती है, तो उस क्षेत्र के थाना प्रभारी को अगले दस साल तक थाने में पोस्टिंग नहीं दी जायेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले का कितना असर पड़ता है, ये आनेवाले दिनों में देखने को मिलेगा, लेकिन विपक्ष को सरकार का ये फैसला पसंद आया है।

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, 2015 के विधानसभा चुनाव में शराबबंदी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव लड़ा था। सरकार बनी, तो अप्रैल 2016 में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी। इसके लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया था, जिसके तहत शराब के साथ पकड़े जानेवाले को सीधा जेल भेज दिया जाता था।

अवैध शराब के कारोबार को लेकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई, लाखों की संख्या में केस दर्ज हुये, कानून तोड़नेवालों की गिरफ्तारी हुई। विपक्ष की ओर से कानून पर सवाल उठाये गये, तो सरकार की ओर से उसमें संशोधन किया गया, लेकिन पूर्ण शराबबंदी के फैसले को लागू को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर हैं।