जन्मदिन विशेष: अगर ऐसा होता तो पाकिस्तान के सबसे अमीर व्यक्ति होते अज़ीम प्रेमजी!

   

भारत के मशहूर कारोबारी अज़ीम प्रेमजी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. आज ही के दिन उनका जन्म साल 1945 में मायानगरी मुंबई में हुआ था. वे एक निवेशक और परोपकारी है, जो विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष भी है. उन्हें अनौपचारिक रूप से भारतीय आईटी उद्योग के कैज़र के रूप में पहचाना जाता है. आइए जानते है उनकी बारे में कुछ ख़ास बातें…

अज़ीम प्रेमजी आज भारत के सबसे अमीर शख्स में से एक है, हालांकि अगर उनके पिता ने भारत के बंटवारे के समय पकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहमद अली जिन्ना की एक बात मान ली होती तो आज वे पकिस्तान के सबसे धनी व्यक्ति में से एक होते।

दरअसल, बात यह है कि भारत के विभाजन के समय जिन्ना ने पाकिस्तान में पढ़ें-लिखें कारोबारियों को पाकिस्तान अपने साथ ले जाने के लिए कहा था।

जहां जिन्ना द्वारा अजीम के पिता से भी यह पेशकश की गई थी। हालांकि अज़ीम के पिता मोहम्मद हाशिम द्वारा जिन्ना की पेशकश को यह कहकर ठुकरा दिया गया था कि वह हिन्दुस्तानी है, और हिंदुस्तान में ही रहेंगे।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, आज अजीम प्रेमजी को जो बात दूसरे उद्योगपतियों से बेहद अलग करती है, वह है परोपकार में उनकी खासी दिलचस्पी। अजीम को परोपकार के मामले में देश का सबसे दिलेर व्यक्ति कहना कतई भी गलत नहीं होगा और उन्होंने 10 साल पहले ही परोपकार को लेकर अपनी सोच सभी के समक्ष जाहिर कर दी थी।

तब उद्योग जगत के मुट्ठी भर लोगों की ही चर्चा इस काम के लिए हुआ करती थी। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने 2010 में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी और यह नॉट-फॉर-प्रॉफिट वेंचर है।

बता दें कि इस साल मार्च में प्रेमजी द्वारा विप्रो के अपने 34 फीसदी शेयर अपने फाउंडेशन को दान कर दिए गए थे। अब तक वे इस फाउंडेशन को अपनी 67 फीसदी संपत्ति यानी 1.45 लाख करोड़ रुपये का दान दे चुके हैं।