RTI कार्यकर्ता की हत्या के मामले में बीजेपी पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा!

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जूनागढ़ के आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा (35) हत्याकांड में भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी समेत सभी सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दीनू बोघा और उनके भतीजे शिवा सोलंकी पर 15-15 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है।

इससे पहले अहमदाबाद की सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को पूर्व सांसद सोलंकी सहित सभी सातों आरोपितों को हत्या और आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था।

Kanvkanv.com पर छपी खबर के अनुसार, भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी सहित सात आरोपितों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जज केएम दवे ने हत्या और आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया है।

आज सीबीआई की विशेष अदालत में सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने जेठवा की हत्या के दोषियों को उम्रकैद की सजा के साथ जुर्माने से भी दण्डित किया है।

इसमें से 11 लाख अमित जेठवा के परिवार को दिए जाएंगे। पांच लाख अमित जेठवा की पत्नी को और तीन-तीन लाख उनके दोनों बच्चों को दिए जाएंगे।

सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी अरुण बोथरा ने दीनू बोघा सोलंकी को गिरफ्तार किया था। दोषी करार दिए गए दीनू बोघा को उसके फार्म हाउस के नौकर राम हज़ा की जुबानी भारी पड़ गयी।

दीनू बोघा सोलंकी सहित आरोपितों में उनके भतीजे शिवा सोलंकी, शैलेश पंड्या, बहादुर सिंह वढेर (कांस्टेबल), शिवा पचाण, संजय चौहान और उदाजी ठाकोर शामिल हैं।

20 जुलाई, 2010 को अमित जेठवा को उच्च न्यायालय के सामने सत्यमेव कॉम्प्लेक्स के पास एक बाइक पर सवार दो लोगों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में कई कानूनी लड़ाइयों के बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई थी।