NPR के नाम पर बीजेपी सरकार देश के लोगों को बेवकूफ़ बना रही है- तृणमूल

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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सोमवार को 3,941.35 करोड़ रुपये की राशि मंजूर किये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा एनपीआर के नाम पर लोगों को ‘बेवकूफ बनाने और धोखा देने’ का प्रयास कर रही है क्योंकि यह एनआरसी की दिशा में पहला कदम है।

प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, एनपीआर देश में रहने वाले ‘स्वभाविक निवासियों’ की एक सूची है। स्वभाविक निवासी का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से हैं जो किसी स्थान पर पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा है या जो अगले छह महीने या उससे अधिक समय से रहना चाह रहा हो।

एनपीआर के आंकड़े पिछली बार 2010 में घर की सूची तैयार करते समय लिये गये थे जो 2011 की जनगणना से जुड़े थे। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘भाजपा लोगों को धोखा दे रही है।

एनपीआर पर मंत्रिमंडल का निर्णय लिया गया है और धनराशि मंजूर की गयी है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर)एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की दिशा में पहला कदम है।’’

उन्होंने अपनी बात और स्पष्ट करते हुए कहा कि भाजपा लोगों को बेवकूफ बना रही है क्योंकि एनपीआर जनगणना के साथ लाया जाएगा। इससे मासूम लोग भ्रमित हो जाएंगे और सोचेंगे कि यह जनगणनना है न कि एनआरसी की दिशा में पहला कदम।

अपनी बात को पुख्ता करने के लिए उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 में संसद में एक लिखित जवाब दिया था कि एनपीआर हर स्वभाविक नागरिक के नागरिकता दर्जे के सत्यापन के बाद राष्ट्रीय भारतीय नागरिक पंजी की दिशा में पहला कदम है।

प्रस्तावित एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में आगे चल रही तृणमूल कांग्रेस पहले ही पश्चिम बंगाल में एनपीआर अद्यतन की प्रक्रिया स्थगित कर चुकी है।