CAA का किसी धर्म से ताल्लुक नहीं तो फिर मुसलमानों को क्यों नहीं शामिल किया गया- बीजेपी नेता

   

नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दे पर मोदी सरकार को विपक्ष घेरने में लगा हुआ है। किन्तु इस सबके बीच अब भाजपा को अपने ही घर में चैलेंज मिला है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते और भाजपा नेता चंद्रकुमार बोस ने अब CAA पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया कि यदि इस कानून का धर्म से कोई वास्ता नहीं है तो फिर इसमें मुस्लिमों को क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है।

चंद्रकुमार बोस ने ट्वीट कर CAA पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि, ‘यदि नागरिकता संशोधन कानून का धर्म से कोई वास्ता नहीं है तो फिर हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन का नाम क्यों लिया जा रहा है।

इसमें मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया गया? हमें पारदर्शी होने की आवश्यकता है। चंद्रकुमार ने लिखा कि यदि मुस्लिमो को उनके देश में प्रताड़ित नहीं किया जाता है, तो वो यहां नहीं आएंगे।

ऐसे में उन्हें शामिल करने में कोई समस्या नहीं है। हालांकि, ये भी पूरी तरह से सत्य नहीं है। क्योंकि जो बलूच पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हैं, उनका क्या? और पाकिस्तान के अहमदिया मुस्लिमों का क्या?

आपको बता दें कि चंद्रकुमार बोस का ये ट्वीट उस समय आया है कि, जब भाजपा ने बंगाल में CAA के पक्ष में रैली करना शुरू कर दिया। बता दें कि चंद्रकुमार बोस, बंगाल भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष और सूबे में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं।

2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा CAA, NRC पर बड़े तरीके से आगे बढ़ रही है, ऐसे में भाजपा के घर में ही इसके खिलाफ आवाज़ उठना उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।