मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों को विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ मंगलवार को आगाह किया और कहा कि यह राज्य में काम नहीं करेगी।
Watch: Union Home Minister @AmitShah slams @MamataOfficial Govt in Kolkata. pic.twitter.com/KpnsxxF8Nq
— TIMES NOW (@TimesNow) October 1, 2019
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर भाजपा की एक संगोष्ठी में मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एनआरसी के बारे में लोगों को गुमराह कर रही है। इसके बाद, ममता की यह टिप्पणी आई है।
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तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि बंगाल अपने आतिथ्य-सत्कार के लिए जाना जाता है और राज्य में विभिन्न धर्मो के लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार रहते हैं। लेकिन वे दुर्गा पूजा जैसा त्योहार मनाने के लिए एकत्र होते हैं, जो विभिन्न धर्मों के लोगों को आपस में एकजुट करती है।
साक्षी प्रभा पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में हर किसी का स्वागत है और हमारे लोगों के आतिथ्य-सत्कार का आनंद लीजिए। लेकिन कृपया कोई विभाजनकारी राजनीति नहीं करिये…यह बंगाल में काम नहीं करेगा। ममता ने कहा कि कृपया विभाजनकारी राजनीति को मत फैलाइए। लोगों के बीच दरार पैदा नहीं करें।
BJP will bring Citizenship Amendment Bill, Mamata Banerjee protecting illegal immigrants for votes: Amit Shah in Kolkata pic.twitter.com/5hVPeME7Nc
— NDTV (@ndtv) October 1, 2019
बंगाल सदियों से हर धर्म के नेताओं का सम्मान करने के लिए जाना जाता है। इसे (इस माहौल को) कभी नहीं बिगाड़ा जा सकता। इससे पहले, शाह ने कहा कि केन्द्र एनआरसी का विस्तार पश्चिम बंगाल तक करेगा लेकिन इससे पहले सभी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया जाएगा।