कर्नाटक उपचुनाव रिज़ल्ट: विधानसभा में बीजेपी बहुमत को सुरक्षित रखने में कामयाब हुई!

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कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा 12सीटों पर आगे है। कांग्रेस 2 और एक सीट पर निर्दलीय को बढ़त मिली है।

यह नतीजे भाजपा सरकार के लिए बेहद अहम मानेजा रहेहैं, क्योंकि उपचुनाव के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112 होगा।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस स्थिति में येदियुरप्पा को सत्ता बचाने के लिए 6 सीटें जीतनी ही होंगी। इसबीच, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने हार स्वीकार कर ली। उन्होंनेकहा कि उपचुनाव में जनता ने दल बदलने वालों को पसंद किया। नतीजे से निराश नहीं होना चाहिए।

महाराष्ट्र में शिकस्त के बाद यह उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। वहीं, कांग्रेस के लिए खोई जमीन वापस पाने और जेडीएस के लिए किंगमेकर बनने का मौका है। कांग्रेस और जेडीएस ने विधासभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था।

इसके बाद गठबंधन सरकार में जेडीएस नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे।उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। 5 दिसंबर को उपचुनाव की 15 सीटों पर 165 उम्मीदवार चुनावीमैदान में थे।

भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए 15 बागी विधायकों में से 13 को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। होसकोटे सीट पर शरथ बचेगौड़ा भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़े।

यहां भाजपा ने कांग्रेस से आए पूर्व विधायक एमटीबी नागराज को टिकट दिया। मैसूरु की हुंसुर सीट पर जेडीएस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एएच विश्वनाथ को उतारा है। यह सीट जेडीएस का गढ़ रही है।

कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद विधानसभा सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी।

भाजपा (105) ने एक निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली। 15 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112होगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत होगी।