जादवपुर युनिवर्सिटी राष्ट्र- विरोधीयों का अड्डा बना गया है- दिलीप घोष

   

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर राष्ट्रविरोधी तत्वों तथा वामपंथियों का अड्डा बन गया है और “हमारे कैडर” को चाहिए कि उसे नष्ट करने के लिए वहां बालाकोट की तर्ज पर सर्जिकल स्ट्राइक करें।

साक्षी प्रभा पर छपी खबर के अनुसार, दिलीप घोष ने यह भी कहा कि अगर मौका मिलता तो भाजपा के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय परिसर में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर कथित रूप से हमला करने वाले कट्टरपंथी वाम समूहों से संबद्ध छात्रों के हाथ-पैर तोड़ देते।

प्रदेश अध्यक्ष ने कल रात एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्यालय परिसर और उसके बाहर की गई तोड़फोड़ का समर्थन किया और उसे केंद्रीय मंत्री पर हमले का नतीजा बताया।

उन्होंने कहा कि एबीवीपी का कदम वाम कट्टरपंथी छात्रों के उकसावे की ‘सिर्फ प्रतिक्रिया’ थी। घोष ने आरोप लगाया कि राज्य की तृणमूल सरकार केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की हत्या होने तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती और कहा कि वह इस घटना के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बताएंगे।

घोष ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्रविरोधी और वामपंथी गतिविधियों का अड्डा है। वहां पहली बार ऐसी घटना नहीं हुई है। जिस तरह हमारे सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी अड्डों को नष्ट करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की, यादवपुर परिसर में राष्ट्रविरोधी अड्डों को नष्ट करने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं को उसी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक कर सकते हैं।’’

दिलीप घोष ने विश्वविद्यालय में सुप्रियो को भीड़ से बचाने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के वहां पहुंचने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार चुप बैठी थी और सुप्रियो के मारे जाने का इंतजार कर रही थी।”

एबीवीपी द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम एबीवीपी के कदम का समर्थन करते हैं। उन्होंने जो भी किया, वो एक दम सही किया।

बाबुल सुप्रियो पर हमला करने वालों को पीटना चाहिए और उनके हाथ पैर तोड़ देने चाहिए, ताकि उन्हें जिदंगी भर सबक याद रहे।’’ घोष ने कहा, ‘‘जब हमारी पार्टी के नेता को पीटा जाए तो आप हमसे क्या चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें ? अगर हम पर हमला होगा तो जवाब देंगे।

वाम ताकतें पूरे देश से साफ हो गई हैं। उनका यादवपुर विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सीमित आधार है। हम उन्हें वहां भी साफ कर देंगे।’’

उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय में स्थिति नियंत्रण में नहीं रख पाने के चलते वहां के कुलपति सुरंजन दास के तत्काल इस्तीफे की मांग भी की। सुप्रियो को यादवपुर विश्वविद्यालय में काले झंड़े दिखाए गए थे और उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी।