ईरान: फुटबॉल देखने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को आज भी मर रही हैं!

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अपनी पसंदीदा टीम का फुटबॉल मैच स्टेडियम में जाकर देखने का अरमान पूरा करने की कोशिश में एक महिला ने अपनी जान गंवा दी। पाबंदियां और भेदभाव कब तक लेती रहेंगे जानें।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, इस महिला ने ईरान में महिलाओं को स्टेडियम में जाकर खेल देखने पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ दुनिया भर का ध्यान खींचा है। जीते जी वह केवल अपनी पसंदीदा टीम का मैच स्टेडियम में देखना चाहती थी। उसने ऐसा करने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

इस जुर्म में उस पर पुलिस का अपमान करने का आरोप सिद्ध कर छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई। एक हफ्ते पहले ही सजा के विरोध में अदालत के बाहर ही उस महिला ने खुद पर पेट्रोल छिड़क आत्मदाह कर लिया। अस्पताल ले जा कर उसका इलाज कराया गया लेकिन आज सुबह महिला की मौत की पक्की खबर आ गई।

दुनिया के तमाम युवा लोगों की तरह वह महिला भी अपनी फेवरेट टीम एस्तेघलाल तेहरान का खेल देखने की इच्छा रखने के कारण अब इस दुनिया में नहीं है। खेल ईरान की राजधानी के असादी स्टेडियम में आयोजित हुआ था।

अब मरने के बाद उसकी कहानी सोशल मीडिया खूब शेयर हो रही है। हर तरह के लोग न्याय व्यवस्था से लेकर पुलिस की कार्रवाई तक की निंदा कर रहे हैं और ऐसी व्यवस्था को एक युवा की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

जिस क्लब का मैच वह देखना चाहती थी, उसने भी प्रतिक्रिया दी है। एस्तेघलाल तेहरान ने अपने पत्र में लिखा है कि अपना छोटा सा अरमान दिल में लेकर ही उसे कब्र में जाना पड़ा। ईरान के मशहूर एक्टर आमिर जदीदी ने लिखा कि देश खुद अपना मखौल उड़वा रहा है।

ईरान में महिलाओं पर स्टेडियम में जाने पर लगी पाबंदी को लेकर पिछले चार दशकों में कितने ही विवाद हुए हैं। अब तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी भी इस प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में लगते हैं। लेकिन ईरान में बेहद ताकतवर धर्मगुरुओं की इच्छा के विरुद्ध जाने की हिम्मत वे भी नहीं दिखा पाए हैं।