“दुनिया भर में इस्लाम को गलत रूप से परिभाषित किया जा रहा है”

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भारतीय उपमहाद्वीप में ISIS की वृद्धि को लेकर एक वर्ष पहले IIT मद्रास द्वारा मुसलमानों  और इस्लाम को लेकर दुष्प्रचार किया गया था , छात्रों के अलावा कई प्रमुख प्रभावशाली गणमान्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया था।

इस घटना को याद करते हुए, सियासत डेली के प्रबन्धक एडिटर ज़हीर अली खान ने इस बात पर बेहद खेद व्यक्त किया और साथ ही सवाल उठाया की कैसे ये प्रभावशाली लोग भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस्लाम, मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे और लोगों के दिमाग को दूषित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा की तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी अपने भाषण में  हरकतुल जिहाद अल इस्लामी और हुजी का अंतर ही नहीं कर पाए हालाँकि दोनों का नाम एक ही है।

उन्होंने कहा की आईआईटी मद्रास जैसे एक प्रीमियम शिक्षा संस्थान इस्लाम की ब्रांडिंग का दुष्प्रचार कर रहा है ऐसे समय में जब  मुस्लिमों खाड़ी देश अपने संसाधनों के माध्यम से खरबों रुपये कमा रहे हैं।

 

दुनिया भर में मुसलमानों की ब्रांडिंग का उद्देश्य

आसान शब्दों में कहें तो दुनिया भर के मुसलमानों को टारगेट कर खाड़ी देशों में उनके व्यापार पर नियंत्रण रखना है, उन्हें उनके काले सोने को लूटना है।

 

क्यों खाड़ी राष्ट्र अब मुसलमानों सहित एक लक्ष्य बन गए हैं

इराक, सीरिया, अफगानिस्तान कुछ संसाधन संपन्न देश हैं जो पिछले कई वर्षों से युद्धों, हिंसाओं का गवाह बन रहे हैं। दुनिया भर में मीडिया यहूदी लॉबी द्वारा नियंत्रित दुनिया को चलाने के लिए  अपने संसाधनों के इन खाड़ी देशों को लूटने का इरादा रखता है।

प्रबुद्ध युवा पीढ़ी यह साबित कर सकती है कि अब हम इस भ्रष्ट मीडिया, नफरत को बढ़ावा देने वाले व्यक्तित्वों, हमारे राष्ट्र में मुसलमानों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।