ब्रेग्जिट करार से ब्रिटेन का ब्राहर होने स्ता साफ़ मामला, 242 के मुकाबले 391 वोटों से खारिज़!

   

ब्रेग्जिट मुद्दे पर ब्रितानी संसद में प्रधानमंत्री थेरेसा मे को एक बार फिर बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। ब्रिटिश सांसदों ने ब्रेग्जिट करार पर प्रधानमंत्री मे के संशोधित प्रस्‍ताव को इस बार भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

बता दें कि दो महीने के अंदर यह दूसरा मौका है जब सांसदों ने पीएम मे के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के समझौते के मसौदे को खारिज कर दिया है।

सरकार की ओर से सदन में पेश ब्रेग्जिट समझौते के मसौदे को सांसदों ने 242 के मुकाबले 391 वोटों से खारिज किया है। इस बार मसौदे को खारिज करने का अंतर जनवरी से भी ज्‍यादा है।

कंजरवेटिव पार्टी के 75 सांसदों ने अपनी सरकार के विरोध में मतदान किया। लेबर पार्टी के कुछ सांसदों ने भी अपनी पार्टी के स्‍टैंड का समर्थन नहीं किया।

इसके बाजवूद थेरेसा मे की सरकार को हार का सामना करना पड़ा है। इस मुद्दे पर ब्रिटिश संसद दो खेमों में बंटी नजर आई। यही कारण है कि इस समस्‍या के समाधान का फार्मूला छाया मंत्रिमंडल भी नहीं दे पाई।

आपको बता दें कि ब्रेग्जिट डील पर सोमवार देर रात यूरोपीय संघ के नेताओं से बातचीत कर रहीं थेरेसा मे ने सांसदों से अपील की थी कि वो संशोधित मसौदे का समर्थन करें या फिर ब्रेग्जिट को ही नकार दें।

ब्रिटिश सांसदों ने उनकी इस अपील को ठुकराते हुए डील को सिरे से खारिज कर दिया। इस हार से साफ हो गया है कि ब्रिटेन 16 दिनों बाद डील से बाहर हो जाएगा और उसे यूरोपियन यूनियन से संबंधों को लेकर नई सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी होगी।