ब्रिटेन के चुनाव नतीजों का जश्न लंदन से 6,693 किलोमीटर दूर भारत में भी मनाया जा रहा है। इसकी वजह रही भारतीय मूल के उम्मीदवारों की बंपर जीत।
डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, पर छपी खबर के अनुसार, 650 सीटों पर हुए चुनावों में करीब 60 से ज्यादा भारतीय मूल के उम्मीवार भी शामिल थे। जिनमें से 12 के करीब उम्मीवारों ने जीत दर्ज की।
पिछले चुनाव में जितने भी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद थे, वो तो हाउस ऑफ कॉमंस में एमपी के तौर पर पहुचेंगे ही। उनके साथ 2 नये भारतवंशी सांसद पार्टी को इस चुनाव के बाद मिल गए हैं, गगन मोहिन्द्रा और क्लेयर क्यूटिन्हो।
चुनाव जीतने वाली कजंर्वेटिव पार्टी ने 12 दिसंबर को हुए चुनावों में 25 भारतीयवंशी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।
विजेता पार्टी के अलावा बाकी दलों, लेबर पार्टी ने 13, अति दक्षिणपंथी ब्रेक्जिट पार्टी के 12, लिबरल डेमोक्रेट्स के 8, यूकेआईपी से 2, ग्रीन पार्टी से एक और दो निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई से हुई बातचीत में भारतीय मूल की क्यूटिंहो ने कहा “अब ब्रेक्जिट का वक्त आ गया है, जिसके बाद स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस पर निवेश किया जा सकेगा।
बोरिस जॉनसन की कैबिनेट का हिस्सा रहीं और ब्रिटेन की गृह सचिव रही प्रीति पटेल को भी जीत हासिल हुई है। इसके अलावा इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक को भी आसान जीत मिली है।
ब्रिटेन के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री रहे आलोक शर्मा को भी रिडिंग वेस्ट से जीत मिली है। ये कयास लगाए जा रहे हैं कि ये लोग इस बार भी जॉनसन कैबिनेट का हिस्सा होंगे।
इसके साथ शैलेज वारा को उत्तर पश्चिम कैब्रिजशायर सीट से बहुत बड़े अंतर से जीत मिली है। तो वहीं गोवा मूल की स्वेला ब्रावरमैन को भी फिर से जीत हासिल हुई है।