शाह फैसल ने राजनीति से अलग होने का फैसला किया!

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राजनीति से तौबा करने वाले नौकरशाह शाह फैसल ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल राजनीतिक शुरुआत करने में उन्हें फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ।

 

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उनके असंतोष को लोगों ने देश विरोधी कार्य समझ लिया।

 

वर्ष 2009 की यूपीएससी परीक्षा के टॉपर रहे 37 वर्षीय शाह फैसल ने सोमवार को राजनीति से किनारा करने की घोषणा के एक दिन बाद मंगलवार को समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद नजरबंदी के दौरान मैंने इस बारे में बहुत सोचा और पाया कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो लोगों से वादा कर उन्हें पूरा कर सकूंगा।

 

फैसल ने कहा कि वह स्पष्ट थे कि 1949 की राष्ट्रीय सहमति ने संविधान में अनुच्छेद 370 को रखा और 2019 की सर्वसम्मति से इसे हटा दिया गया।

 

मैंने खुद से कहा कि मैं इन फैसलों को पूर्ववत करने के झूठे सपने बेचकर राजनीति नहीं कर सकता हूं और लोगों को सच्चाई बताने के लिए बेहतर है कि मैं राजनीति छोड़ दूं।

 

 

भविष्य के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं है और वह हमेशा एक शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर का सपना देखते हैं जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए सबसे अच्छे अवसर हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि अब यह कैसे होने जा रहा है। अब तक मैं जीवन में अपने अगले कदमों के बारे में निश्चित नहीं हूं।