लखनऊ के घंटाघर में आज भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है. घंटा घर पर चल रहे प्रदर्शन में पुलिसिया कार्रवाई के बाद अफरा तफरी का माहौल मच गया है.
रविवार सुबह पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के पास से खाने-पीने के सामान सहित कंबल भी जब्त कर लिया है.
प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ पुलिस की जुबानी जंग भी चल रही है. प्रदर्शनकारी पुरुषों को पुलिस भगा रही है. अब तक शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन में अब माहौल बिगड़ गया है. प्रदर्शनस्थल के चारों तरफ पुलिस गश्त कर रही है.
घंटाघर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. इससे पहले शनिवार रात घंटाघर में भी भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. महिलाओं के हाथ में सीएए और एनआरसी के विरोध की तख्तियां थीं. प्रदर्शन में महिलाओं के अलावा छोटे छोटे बच्चे और बच्चियां भी शामिल थीं.
https://twitter.com/RazaMehndireal/status/1218616194497794048?s=20
पुलिस कर रही प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील
इस दौरान लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील की , जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस वाले अचानक एक्शन में आ गए और वहां आंदोलन से जुड़े सामान हटाए जाने लगे, जिसका विरोध हुआ, लेकिन पुलिस नहीं रूकी.
https://twitter.com/khanmab/status/1218588382189772801?s=20
प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके सामान जब्त कर लिए और टेंट-खाने का सामान नहीं पहुंचने दिया. महिलाओं का कहना है कि पुलिस आंदोलन को रोकने की कोशिश कर रही है.
घंटाघरपार्क में #अवैध_धरना_प्रदर्शन के दौरान
कुछसंगठनों द्वारा कम्बल वितरित कराया जारहा था जिससे आसपास केलोग जो धरनेमें सम्मिलित नहींथे वहभी कम्बललेने आरहे थे #पुलिस द्वारा कम्बल एवम् संगठन के व्यक्तियों को हटवाया गया व विधिक कार्यवाही कीगई |कृपया #अफवाह न फैलाएं @lkopolice pic.twitter.com/ovHoviiAA6— Vikas Chandra Tripathi🇮🇳 (@vctcop) January 19, 2020
क्या है प्रदर्शनकारियों का सरकार पर आरोप?
पुराने लखनऊ से शिक्षित महिलाएं और बच्चे हैं जो लखनऊ के घंटाघर के नीचे खुले आसमान मे कैंडल जलाकर खुले मे बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक वे प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेंगे. लोग अपने साथ खाना, कंबल, पानी, टेंट सब साथ लेकर आए हैं.
In #Lucknow , #CAA_NRCProtests continue for Day 2 at the city 's iconic clock tower or ghantaghar . The crowd has grown today . It's women and children here … pic.twitter.com/a6uzP0J5pP
— Alok Pandey (@alok_pandey) January 18, 2020
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाहीन बाग और जेएनयू में जो भी हुआ है हम उसका विरोध करते हैं. ये एनआरसी और सीएए ध्यान भटकाने के लिये है.
विकास और रोजगार मुद्दा है, उसको सरकार नही देख रही है. पुलिस घटनास्थल से पुरुषों को हटा रही है, लेकिन महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं.
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