गैर हिन्दुओं को नागरिकता देने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे का आया बड़ा बयान!

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महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नये नागरिकता कानून के तहत प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार करने को लेकर अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा पर रविवार को निशाना साधा और कहा कि यह वी डी सावरकर का ‘‘अपमान’’ है जो सिंधु नदी से लेकर कन्याकुमारी तक की भूमि ‘‘एक देश’’ के तहत लाना चाहते थे।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम जैसे मुद्दे दरअसल ‘‘महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट’’ जैसे असल मुद्दों से ‘‘ध्यान भटकाने’’ के लिये उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीएए हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के विचारों के खिलाफ है जिन्हें संघ परिवार काफी सम्मान देता है। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘सावरकर ने सिंधु नदी से कन्याकुमारी तक की भूमि एक देश के तहत लाने की मांग की थी।

ऐसा करने के बजाय, भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार सावरकर के खिलाफ जाकर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार कर रही है, जो उनका अपमान है।’’

सिंधु नदी का उद्गम तिब्बती पठार में होता है और यह नदी लद्दाख से होते हुए गिलगित बाल्तिस्तान क्षेत्र हिंदूकुश रेंज और उसके बाद पूरे पाकिस्तान से होते हुए कराची के पास अरब सागर में गिरती है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सीएए विचारधारा पर आधारित है? इसे लेकर हो रही हिंसा का क्या? सीएए सावरकर के विचारों के खिलाफ है, शिवसेना को घेरने की बजाय भाजपा सावरकर के मुद्दे पर आक्रामक क्यों नहीं है, जैसी वह नागरिकता कानून को लेकर है?’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सावरकर को लेकर शिवसेना के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। एक दिन पहले शिवसेना ने राहुल गांधी द्वारा सावरकर के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी। महाराष्ट्र में सीएए लागू करने के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम नये कानून की वैधता की जांच पड़ताल कर रहे हैं। कुछ लोगों ने सीएए को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि नया कानून संविधान के ढांचे में फिट होता है या नहीं।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘नये कानून पर हमारे सवालों का अभी तक उत्तर नहीं मिला है। हम (सीएए को लागू करना है या नहीं) फैसला अदालत के निर्णय के आधार पर करेंगे।’