नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ़ लड़ाई में हम जामिया के साथ हैं- कन्हैया कुमार

   

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने बुधवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, कन्हैया ने नागरिकता कानून को काला कानून करार दिया और यहां छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, प्रदर्शन और आंदोलन करना प्रत्येक छात्र का अधिकार है, लेकिन यह शांतिपूर्ण ठंग से किया जाना चाहिए, अन्यथा इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है।

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कन्हैया शाम करीब साढ़े पांच बजे जामिया के अब्दुल कलाम आजाद गेट पर पहुंचे, जहां पहले से बड़ी संख्या में जामिया के अलावा कई अन्य कॉलेजों, स्कूलों से आए छात्र उनका इंतजार कर रहे थे। यहां पहुंचने पर कन्हैया ने छात्रों के साथ जमकर नारेबाजी की।

खुद कन्हैया ने आजादी के नारे लगवाए। कन्हैया ने कहा, इस कानून का विरोध केवल किसी एक वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है। बल्कि भारत के सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग इस कानून के खिलाफ हैं।

हालांकि, इस दौरान कन्हैया ने छात्रों से अपील की कि वे सरकार का विरोध करें, लेकिन इस विरोध के बीच सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं।

कन्हैया ने कहा कि यदि छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ तो इस विरोध का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। पूर्व जेएनयू अध्यक्ष ने कहा, अपने इस विरोध प्रदर्शन को किसी भी स्तर पर हिंसक न होने दें।

हमारी लड़ाई सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ है, सरकारी या गैर-सरकारी संपत्ति से नहीं। संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक बात नहीं है। हमें चाहिए कि हम शांतिपूर्वक सरकार का विरोध करें। कन्हैया ने कहा कि वह इस कानून का विरोध कर रहे जामिया छात्रों के साथ हैं।

केरल के एक कॉलेज और एक स्थानीय निकाय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन और झड़प देखने को मिली। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसका छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) थे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी और माकर्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) व उसकी छात्र इकाई थी।

त्रिशूर स्थित केरल वर्मा कॉलेज में उस समय उपद्रव मच गया, जब एबीवीपी के छात्र कार्यकर्ताओं को माकपा से जुड़े स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने पीट दिया। कॉलेज में अब कुछ दिनों से विचारधाराओं में अंतर बहुत ज्यादा बढऩे से तनाव पैदा हो गया है, क्योंकि एबीवीपी सीएए पर एक सेमिनार का आयोजन करना चाहती है और एसएफआई इसका विरोध कर रही है।

यह तय किया गया था कि जब चीजें शांत होगी तो बाद में इस पर चर्चा की जा सकती है। मगर स्थानीय पुलिस के अनुसार, बुधवार को मुसीबत बढ़ गई और प्रतिद्वंद्वी संगठनों से जुड़े छात्र आपस में भिड़ गए। कॉलेज के स्टाफ सदस्यों द्वारा हस्तक्षेप के बाद ही चीजें शांत हुईं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

इसी तरह पलक्कड़ नगरपालिका, जहां केरल में भाजपा का एकमात्र शासन है, दिन की परिषद की बैठक में तब तनाव बढ़ गया, जब सत्ताधारी भाजपा के पार्षदों और विपक्षी कांग्रेस व माकपा सदस्यों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।

आईएएनएस से बात करते हुए कांग्रेस पार्षद भवदास ने कहा, माकपा एक प्रस्ताव लेकर आई और उसने मांग की कि इसे चर्चा के लिए लिया जाए, जोकि सीएए से संबंधित था।

हमने यह महसूस किया है कि यह देश को विभाजित करेगा, इसलिए बैठक में इस पर चर्चा होनी चाहिए। भवदास ने कहा, सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाला राजग इसे लेने के लिए तैयार नहीं था, इसलिए तनाव उच्च स्तर पर पहुंच गया भाजपा के पास 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में सिर्फ एक विधायक है।