नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में सामूहिक शपथ लेने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों सहित कई प्रदर्शनकारी बुधवार को इंडिया गेट पर एकत्र हुए।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शपथ लेने के साथ संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी। इस बीच डब्ल्यू-प्वॉइंट से डीपीएस तक मथुरा रोड पर यातायात भी थम गया। यहां चिडिय़ाघर में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।
Delhi: New Year fest, CAA protest at India Gate cause massive traffic jam. pic.twitter.com/t2ZqqgDKqa
— Hindustan Times (@htTweets) January 1, 2020
इंडिया गेट के आस-पास के इलाकों में वाहनों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिससे जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई और काफी धीमी गति से यातायात की आवाजाही देखी गई।
दिल्ली के कुछ मेट्रो स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट गेट भारी भीड़ के चलते बंद कर दिए गए थे, जिन्हें अब खोल दिया गया है।
Delhi witnesses massive traffic jams amid CAA protests, new year celebrations at India Gatehttps://t.co/zG7G0vvGUy
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) January 1, 2020
प्रदर्शनकारियों ने शपथ लेने से पहले और बाद में क्षेत्र में कागज नहीं दिखाएंगे और तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए।
New Year Resolution, Defend Constitution.
Today at India Gate, Young India pledge against #CAA_NRC_NPR#Young_India_National_Coordination pic.twitter.com/9xN5K0GmzY— Farhan Ahmad (@Farhan_Ahmad586) January 1, 2020
प्रदर्शनकारियों ने अपनी शपथ में कहा कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी ने पूरे भारत में कई आम लोगों विशेषकर गरीबों, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचितों को परेशान करने, निशाना बनाने और उन्हें नागरिकता से वंचित के लिए डराया-धमकाया है।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाने का संकल्प लिया और संविधान विरोधी और भारत विरोधी ताकतों के साथ पूर्ण असहयोग का भी प्रण किया और कहा कि वे देशवासियों को ऐसा करने के लिए राजी करेंगे।
केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, उद्योग भवन, प्रगति मैदान, खान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट बंद करने का फैसला लिया गया था।
उल्लेखनीय है कि जामिया हिंसा के एक हफ्ते बाद भी मथुरा रोड और कालिंदी कुंज की सडक़ बंद है। इंडिया गेट पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने अपनी शपथ में कहा कि हम भारतीय युवा सीएए-एनपीआर-एनआरसी लागू करने के खिलाफ सरकार से लडऩे का संकल्प लेते हैं।