केरल कीमस्जिदों में गणतंत्र दिवस पर पहली बार तिरंगा फहराया गया। कुट्टियादी जुमा मस्जिद समिति के सचिव के बशीर ने न्यूज एजेंसीको बताया कि वक्फ बोर्ड के निर्देश पर राज्य कीकरीब 10 हजार मस्जिदों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
साथ ही संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी गई।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बशीर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से संविधान खतरे में है। इसमें धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है।
A view from the 620 km long human chain in #Kerala to protest against the anti constitutional #CAA,#NRC & #NPR and ‘Hum Dekhenge’ in #Malayalam in the background. Let our #PM identity all these people by their dresses 🙂 #Sayed_Shehzad #NPR #NPR_Reality #IndiaAgainstCAA_NPR_NRC pic.twitter.com/8E6t5dKftu
— Sayed Shehzad Haider Abidi (@Sayed_Shehzad) January 26, 2020
इसलिए, हमने एकजुटता के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। देश की एकता बनाए रखने के लिएहमने मस्जिदों मेंराष्ट्रीय ध्वज भी फहराया।
दूसरी ओर, नागरिकता कानून का विरोध करते हुए सत्तारुढ़ माकपा के नेतृत्व में 620 किमी मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया गया। वाम दलने उत्तर केरल के कासरगोड से लेकर राज्य के दक्षिणी भाग में कालियाचक तक मानव श्रृंखला बनाई।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और सीपीआई नेता कानम राजेंद्रन भी तिरुवंतपुरम में प्रदर्शन में शामिल हुए।
वाम दल ने दावा किया कि मानव श्रृंखला में करीब 60 से 70 लाख लोगशामिल हुए। मानव श्रृंखला शाम 4 बजे बनाई गई।बाद में लोगों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और इसकी रक्षा करने की शपथ ली। माकपा के वरिष्ठ नेता एस रामचंद्रन पिल्लई कासरगोड में 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला की पहली कड़ी थे,जबकि एमए बेबी कालियाचकविलाय में आखिरी व्यक्ति थे।
मानव श्रृंखला में सभी क्षेत्रों में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।
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