CAA-NRC: क्या अवैध बांग्लादेशी अब लौटने लगे हैं अपने देश!

   

पूर्वोत्तर राज्य असम में नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस एनआरसी लागू होने और अब नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए पारित होने के बाद भारत में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिक स्वदेश लौटने लगे हैं।

 

पिछले दो महीनों के दौरान अवैध रूप से सीमा पार कर बांग्लादेश जाते समय वहां के सीमा सुरक्षा बल बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स (बीजीपी) ने लगभग साढ़े चार सौ लोगों को गिरफ्तार किया हैै।

यह लोग अब भारत में पकड़े जाने के डर से तेजी से लौटने लगे हैंं। कोलकाता से सटे बनगांव सीमा से होकर भी काफी लोग दलालों के जरिए वापस जा रहे हैं।

बीजीबी के महानिदेशक मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम ने बताया है कि अकेले नवंबर और दिसंबर के दौरान 445 लोग भारत से वापसी के दौरान पकड़े गए हैं।

इस्लाम के बयान से साफ है कि अवैध तरीके से लौटने वाले लोगों की तादाद हजारों में होगी। इस्लाम बीते सप्ताह भारत दौरे पर आए थे।

देश की आजादी के बाद से ही बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में होने वाली घुसपैठ एक गंभीर समस्या रही है। इस मुद्दे पर असम में लंबा आंदोलन चला है।

पश्चिम बंगाल में तो सत्तारुढ़ लेफ्ट फ्रंट और बाद में तृणमूल कांग्रेस ने ऐसे लोगों को बसने में सहायता दी थी। यहां वे अब एक बेहद अहम वोट बैंक बन चुके हैं। लेकिन वर्ष 1971 के बाद भी घुसपैठ की समस्या जस की तस हैै।

बीते साल एनआरसी तैयार होने और सीएए पारित होने के बाद अब ऐसे लोगों में हड़कंप मचा है। एनआरसी से बाहर रहे लोगों को विदेशी घोषित कर डिटेंशन सेंटर में भेजने का प्रावधान है।

इसी वजह से अब वे भारी तादाद में बांग्लादेश लौट रहे हैं। पहले जहां हर महीने औसतन 30-35 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाता था वहीं अब यह तादाद हर महीने दो सौ के पार पहुंच गई है।

खुफिया विभाग और सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के सूत्रों का कहना है कि अवैध रूप से सीमा पार कर स्वेदश लौटने वाले बांग्लादेशियों की तादाद हजारों में हो सकती है।

खुफिया विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि बीते कुछ सप्ताह से अकेले पश्चिम बंगाल के उत्तर 24-परगना जिले से लगी सीमा से होकर दलालों की सहायता से रोजाना लगभग दो सौ लोग बांग्लादेश लौट रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण 24-परगना और नदिया जिले में नदियों से लगी सीमा पार कर भी काफी लोग बांग्लादेश जा रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश सीमा में गिरफ्तार ऐसे कई लोगों के पास भारतीय राशन कार्ड, वोटर कार्ड और आधार कार्ड तक बरामद हुए हैं।

लोगों को बिना पासपोर्ट के सीमा पार कराने वाले एक गिरोह के सदस्य ने बताया कि बीते दो महीनों के दौरान उनलोगों ने अकेले उत्तर 24-परगना जिले में नदी से लगी सीमा से होकर पांच हजार से ज्यादा लोगों को वापस भेजा है. इन लोगों को नदी पार कराने के लिए दलाल नावों का सहारा लेते हैं. इन नावों का किराया भी बेतहाशा बढ़ गया है।

पहले एक व्यक्ति को सीमा पार कराने के लिए दलाल चार हजार रुपए लेते थे। लेकिन अब यह फीस बढ़ कर छह हजार हो गई है।

साभार- dw