CAA-NRC-NPR पर विपक्ष की बैठक: मोदी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप!

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कांग्रेस के नेतृत्व में 20 विपक्षी दलों ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर समाज का ध्रुवीकरण करने और संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की प्रक्रिया बंद करने की मांग की।

 

डेली कांग्रे पर छपी खबर के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संसद भवन-एनैक्सी में आयोजित कुछ विपक्षी दलों की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर पूरी तरह से असंवैधानिक है और इनका निशाना गरीब, वंचित और अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा भाषायी अल्पसंख्यक होंगे।

प्रस्ताव में विपक्षी दलों ने कहा , ‘हम सीएए को वापस लेेने और राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया बंद करने की मांग करते हैं।’

इसके अलावा यह भी कहा गया है कि एनसीआर को लागू नहीं करने की घोषणा कर चुके मुख्यमंत्रियों को एनपीआर को भी लागू नहीं करने पर विचार करना चाहिए।

गांधी ने बैठक की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बयानों में विरोधाभास है और दोनों मिलकर देशवासियों को गुमराह कर रहे हैं। दोनों लगातार उकसावे वाले बयान दे रहे हैं और ङ्क्षहसा तथा अत्याचार के प्रति असंवेदनशील बने हुए हैं।

उन्होंने विश्वविद्यालयों में हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी-शाह की सरकार की अक्षमता साबित हो गयी है और ये शासन चलाने के योग्य नहीं है।

मौजूदा सरकार लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराने में नाकाम रही है। विपक्ष को सरकार के खिलाफ लामबंद करने के लिए बुलायी गयी बैठक में कांग्रेस के सहयोगियों द्रविड़ मुनेत्र कषगम और शिवसेना के साथ साथ आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया।

बैठक में गांधी के अलावा कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी गांधी, गुलाम नबी आजाद, ए. के. एंटनी, अहमद पटेल और के सी वेणुगोपाल ने हिस्सा लिया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पी. के. ङ्क्षकहालीकुट्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के शत्रुजीत सिंह, केरल कांग्रेस के एम. थामस काझीक्कदन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट के सिराजूद्दीन अजमल, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मीर मोहम्मद फयाज, जनता दल सेक्यूलर के डी. कूपेंद्र रेड्डी, राष्ट्रीय लोकदल के अजित सिंह, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा, स्वाभिमान पक्ष के राजू शेट्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक के जी देवराजन और विदूथलाई चिरुथाईगल काची के थोल तिरुमावलावन भी बैठक में उपस्थित थे।