देशभर में हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया। दुनिया के कई देशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने तिरंगा फहराया और जश्न मनाया।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, इस बीच लंदन में नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। लंदन की सड़कों पर CAA और NRC को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में करीब 2000 लोग शामिल हुए।
Indians protesting in London against CAA-NRC with a huge rally, carrying the Tricolor, marching through the streets #UKCAAProtest
Indians protesting in India are beaten brutally, tear-gassed, threatened, booked under fake charges #IndiaAgainstCAA_NPR_NRCpic.twitter.com/Ee81315l2H
— GeetV (@geetv79) January 26, 2020
सभी प्रदर्शनकारियों ने CAA और NRC के खिलाफ भारत में प्रदर्शन करने वालों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
“Our forefathers didn’t beat British imperialism only to have our nation controlled by Hindu Nationalism!”#UKCAAProtest #LondonCAAProtest pic.twitter.com/EIyMSK31ci
— Islam21c (@Islam21c) January 25, 2020
प्रदर्शनकारी सीएए और एनआरसी के अलावा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने व स्थानीय नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर विरोध जताते हुए मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कानून भेदभावपूर्ण है। इस विरोध प्रदर्शन को ‘यूनाइटेड अगेंस्ट फासिज्म इन इंडिया’ की अगुवाई में निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने यह विरोध मार्च डाउनिंग स्ट्रीट से शुरू किया, जो भारतीय उच्चायोग के पास खत्म हुआ।
प्रदर्शन के दौरान लोगों के एक समूह ने निर्धारित वर्जित क्षेत्र में नमाज भी पढ़ी। इस दौरान इस समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र भी लिखा।
प्रदर्शनकारियों ने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया कि सरकार तत्काल प्रभाव से सीएए को निरस्त करे और एनआरसी और एनपीआर को लागू न करने की घोषणा करे।
Our voice against #CAA_NRC_NPR Indian students in UK #UKCAAProtest #CAA_NRCProtests @SAsiaSolidarity pic.twitter.com/uF4Z1SpQpF
— Padma (@twisted_taboos) January 26, 2020
इंडियन मुस्लिम फेडरेशन के शमसुद्दीन आगा ने कहा कि भारत का आधार, उसका धर्मनिरपेक्ष संविधान रहा है जो अब नष्ट हो रहा है। इसे रोकना होगा। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में 1935 के फासीवादी जर्मनी को दोहराने नहीं दे सकते! जय हिंद!
आपको बता दें कि इससे पहले भी लंदन में दो बार प्रदर्शन हो चुका है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर पाकिस्तानी समर्थकों व अन्य लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था।
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