नागरिता संशोधन एक्ट और एनआरसी को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बड़ा बयान दिया है। सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन प्रदर्शन के दौरान भावनाओं पर नियंत्रण करना जरूरी है।
Shahi Imam of Delhi's Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari: Under Citizenship Amendment Act (CAA), the Muslim refugees who come to India from Pakistan, Afghanistan, & Bangladesh will not get Indian citizenship. It has nothing to do with the Muslims living in India. (17.12.19) https://t.co/zlOIlQXocg
— ANI (@ANI) December 18, 2019
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, एएनआई के मुताबिक, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआसरी) में अंतर है।
आगे कहा कि सीएए जो एक कानून बन गया है दूसरा दूसरा एनआरसी, जिसे केवल घोषित किया गया है।
यह एक कानून नहीं है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी।
लेकिन वहीं इसका भारत में रहने वाले मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। इस बात को भी उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लमानों का इस बिल से कोई लेना देना नहीं है।