नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नहटौर में हुई हिंसा के दौरान सुलेमान की मौत के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद नहटौर में सीएए के विरोध में हिंसा हुई थी।
इस हिंसा में नहटौर थाना क्षेत्र के सुलेमान और अनस की गोली लगने से मौत हो गई थी। इन दोनों मौतों को लेकर एसपी संजीव त्यागी ने बताया था कि सुलेमान ने पुलिसकर्मी पर गोली चलाई थी।
इसके बाद पुलिसकर्मी ने आत्मरक्षा में फायरिंग की, जिसमें सुलेमान की गोली लगने से इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जबकि अनस की मौत पब्लिक द्वारा चली गोली में हुई थी।
इस घटना को लेकर एसपी देहात विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि नहटौर में सुलेमान की मौत के मामले में मृतक के भाई शोएब ने पुलिस को तहरीर देते हुए कहा था कि उसका भाई सुलेमान 20 दिसंबर को नमाज पढ़कर घर लौट रहा था।
तभी तत्कालीन कोतवाल राजेश सोलंकी, शहर इंचार्ज आशीष तोमर व कांस्टेबल मोहित कुमार अपने तीन अज्ञात साथियों के साथ एजेंसी चौराहे पर पहुंचे।
शोएब ने बताया कि इस दौरान पुलिस वाले सुलेमान को खींचकर खास मंडी की गली में ले गए और गोली मार दी। इसके बाद पुलिसकर्मी सुलेमान को छोड़कर वहां से फरार हो गए। वहां पर मौजूद लोग उसे सीएचसी ले गए।
जहां डाॅक्टरों ने सुलेमान को मृत घोषित कर दिया। अब जाकर पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन कोतवाल समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने रिपोर्ट दर्ज होने की पुष्टि की है।