दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुए दंगों के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि अदालत पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे कि वे कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच दिल्ली में इस साल (2020) सीएए विरोधी-प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों की जांच के बहाने मामले से जुड़े लोगों को गिरफ्तार न करे और उन्हें जेल न भेजे।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, जमीयत उलमा-ए-हिंद की दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने कहा कि याचिका में नामित अब तक गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्ति कानून के अनुसार उचित उपाय करने के लिए स्वतंत्र हैं।
इसमें सक्षम क्षेत्राधिकार के न्यायालयों के समक्ष नियमित जमानत मांगना भी शामिल है।”