कैब हिन्दुओं और बंगाली को देश से बाहर करने की जाल है- ममता बनर्जी

   

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) लाने का प्रयास करने के लिए सोमवार को केन्द्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा।

प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, ममता ने कहा कि यह प्रस्तावित विधेयक बंगालियों और हिंदुओं को देश के वैध नागरिकों के रूप में बाहर करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी की तरह एक और ‘‘जाल’’ है।

संसद के सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में कैब, 2019 को लाये जाने की उम्मीद है।

भाजपा के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए बनर्जी ने ‘‘सबसे बड़े पाप’’ के रूप में उसका उपहास उड़ाया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि ‘‘केंद्रीय बलों का उपयोग और वोटों को खरीद कर’’ भाजपा ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 18 सीटें जीत ली और 2021 के विधानसभा चुनावों में वह ‘‘बंगाल पर विजय पाने का दिवास्वप्न’’देख रही है।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने 2021 में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी करने का विश्वास जताया।

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी में अंदरूनी कलह को सहन नहीं करूंगी। जो लोग अंदरूनी कलह में लिप्त है, वे इसे कमजोर कर रहे है। जो लोग भाजपा के संपर्क में हैं, वे पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।

यह हमें विश्वासघाती लोगों से छुटकारा पाने में मदद करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं होगी।

आपको (पार्टी कार्यकर्ता) लोगों तक पहुंचना होगा और जरूरत के समय उनके साथ खड़ा होना होगा। मैं आपको कभी भी आपस में लड़ने और पार्टी को इसका नुकसान नहीं होने दूंगी।’’ भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस से 2019 के लोकसभा चुनाव में कूचबिहार लोकसभा सीट छीन ली थी ।

राज्य में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को हराने के नारे के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि ‘‘कुछ मूर्ख’’ केवल 18 लोकसभा सीटें जीतकर उन्हें हराने का सपना देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को विधानसभा चुनावों में करारा जवाब मिलेगा। हम (तृणमूल कांग्रेस) निश्चित रूप से अगला विधानसभा चुनाव जीतेंगे।’’

उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार करने में विफल रहने के लिए भी केन्द्र की आलोचना की। बनर्जी ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कदम उठाने की बजाय एयर इंडिया जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने में दिलचस्पी ले रही है।

बनर्जी ने कहा, ‘‘केन्द्र कैब को लाने की योजना बना रही है लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह राष्ट्रीय नागरिक पंजी की तरह एक और जाल है। यह वैध नागरिकों की सूची से बंगालियों और हिंदुओं को बाहर करने और उन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बनाने की एक साजिश है।’’

लोकसभा द्वारा आठ जनवरी को इस विधेयक को पारित किये जाने के बाद इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया गया था और लोकसभा भंग होने के कारण इस विधेयक की अवधि समाप्त हो गई थी।

इस विधेयक के कानून बनने के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को सात साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी।