नागरिकता संशोधन विधेयक: मुसलमानों को क्यों डरने की जरूरत नहीं ?

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इस समय पूरे देश में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का मुद्दा छाया हुआ है। कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से नॉर्थ ईस्ट स्टेट के लोग हैं।

साथ ही कई विपक्षी दलों को भी यह हजम नहीं हो रहा है। हालांकि मोदी कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद इसे सोमवार को लोकसभा में करीब 7 घंटे चली बहस के बाद पास करा लिया गया था। 6 घंटे से भी ज्यादा लंबी चली बहस के बाद यह बुधवार रात 9 बजे के करीब राज्यसभा में भी पास हो गया।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक पास। पक्ष में पड़े 125 और विपक्ष में 105 वोट। नागरिकता संशोधन बिल को सलेक्ट कमिटी में भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव गिरा। पक्ष में 99 और विपक्ष में 124 वोट पड़े।

अमित शाह ने कहा – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल जो बयान दिया और जो बयान आज सदन में कांग्रेस के नेताओं ने दिए वे एक समान हैं। पाकिस्तान का नाम लेने पर कांग्रेस गुस्सा क्यों हो जाती है। कांग्रेस के नेताओं के बयान को इमरान खान ने यूएन में कोट किया।

अमित शाह ने कहा – जिनका वीजा खत्म हो जाता है, उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है। हमने इस बात को बिल में शामिल किया है। धार्मिक आधार पर प्रताड़ितों को भी नागरिकता मिलेगी।

1955 के कानून की धारा 5 के तहत यह भी प्रावधान है कि लोगों को उसी तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा, जिस दिन से वे भारत आए थे। उन्हें कोई कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। असम की समस्या की सच्चा समाधान करने का वक्त आ गया है। इसलिए हमने क्लॉज 60 कमेटी बनाईं।

अमित शाह ने कहा – कपिल सिब्बल कह रहे थे कि मुसलमान आपसे नहीं डरता है। मैं भी तो यही कह रहा हूं कि भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक को, विशेषकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को डरने की जरूरत नहीं है।

इस बिल से किसी की नागरिकता छिनने नहीं जा रही है। इस देश के गृह मंत्री पर सभी का भरोसा होना चाहिए, फिर वे बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक।

अब गृह मंत्री अमित शाह दे रहे हैं राज्यसभा में जवाब। शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने बिल को असंवैधानिक बताया। मैं सभी का जवाब दूंगा। अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता। देश की समस्यायों का समाधान लाने के लिए मोदी सरकार आई है।

कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि असम के डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नगालैंड और त्रिपुरा जल रहा है। कैसे कह सकते हैं कि इस बिल से पूरा देश खुश है।

पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भूटान का धर्म क्या इस्लाम नहीं है। वो क्यों नहीं है. श्रीलंका इसमें क्यों नहीं है. नेपाल हमारा पड़ोसी देश है. ये समस्या श्रीलंका के हिंदुओं के साथ भी है. उनको क्यों नहीं जोड़ा गया।

भाजपा के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी राज्यसभा में बोले, कांग्रेस इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस खुद एनआरसी और नागरिकता बिल को लेकर कन्फ्यूज। लगता है कि कांग्रेस में संविधान को लेकर अशिक्षा दर ज्यादा है।

राज्यसभा में कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा 2 नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है, कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है।

आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं, आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे है। सिब्बल ने आगे कहा कि यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं, ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है। ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं।

संजय राउत ने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकलाना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है, जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा अगर इन्हें 2

राज्यसभा में डीएमके, TRS और सीपीआई (एम) ने इस बिल के विरोध में वक्तव्य कर दिया है। सीपीआई (एम) नेता रंगराजन ने कहा कि श्रीलंका से जो तमिल माइग्रेंट आए वो 35 साल से नागरिकता के लिए भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने उनके बारे में नहीं सोचा, जबकि AIADMK ने इस बिल का समर्थन कर दिया है।

जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। इस बिल में संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, ना ही आर्टिकल 14 का उल्लंघन हुआ है।