सरकार ने कानून में किया बदलाव, अब 24 वें हफ्ते में भी एबॉर्शन की इजाजत

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एबॉर्शन को लेकर आज कानून में बड़े बदलाव हुए हैं। अब महिलाएं 24वें हफ्ते में भी एबॉर्शन करा सकती है। सरकार ने समय सीमा 20 हफ्ता से बढ़ाकर 24 हफ्ता तक कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है। अब संसद के सत्र में बिल लाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 24 वें सप्ताह में एबॉर्शन की इजाजत से रेप पीड़ित और नाबालिगों को बहुत मदद मिलेगी।

 

मंत्रिमंडल की बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। पहले कानूनी रूप से यदि कोई महिला किसी कारण से गर्भपात कराना चाहती थी तो वह 5 महीने या 20 हफ्ते तक ही गर्भपात करवा सकती थी। यह समय बीत जाने पर कानूनी रूप से गर्भपात नहीं कराया जा सकता था। भारत सरकार ने 1971 में MTP Act बनाया था जिसके तहत कोई भी महिला 20 हफ्ते यानी 5 महीने तक गर्भपात करा सकती थी।

 

बता दें कि डॉक्टरों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान कई ऐसे मामले आते हैं जब 20 हफ्तों के बाद ही पता चलता है कि भ्रूण का मस्तिष्क या रीढ़ ठीक से विकसित नहीं हो पा रहा है। इससे बच्चे के विकलांग होने का जोखिम रहता है।

 

एमटीपी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कई सालों से चल रही थी। महाराष्ट्र की एक महिला ने इस अवधि के बाद गर्भपात कराने के लिए अदालत का रुख किया था। उस महिला को 22 हफ्ते बाद पता चला था कि भ्रूण ठीक से विकसित नहीं है और बच्चा गंभीर शारीरिक बीमारियों के साथ पैदा होगा। 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया था। ड्राफ्ट में, इस अवधि को 24 महीने तक बढ़ाने की बात की गई थी। साथ में यह भी कहा गया था कि ऐसा तभी हो जब बच्चे या मां को कोई खतरा हो। लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा सके थे।