कोरोना संकट- पीएम केयर्स फंड का ऑडिट नहीं करेगी CAG ?

,

   

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गठित पीएम केयर्स फंड को लेकर विवाद धमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसके ऑडिट को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि मोदी कैबिनेट ने इसी साल कोरोना संक्ररण के बीच 8 मार्च को PM CARES ट्रस्ट का गठन किया था। पीएम केयर्स एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ट्रस्टी हैं।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक पीएम केयर्स फंड का सरकारी ऑडिट नहीं हो सकेगा। CAG के एक वरिष्‍ठ अधिकारी का कहना है कि जब तक ट्रस्टी खुद ही ऑडिट करने की गुजारिश नहीं करेंगे, हम उनके अकाउंट को ऑडिट नहीं करेंगे।” हालांकि सरकार ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। बता दें कि मोदी सरकार ने पहले से ही मौजूद पीएम रिलीफ फंड होने के बावजूद  पीएम केयर्स फंड का गठन किया है।

 

इसके गठन के साथ ही विपक्ष ने इसको लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए। कांग्रेस का कहना है कि पीएम केयर्स फंड को  प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में ट्रांसफर किया जाना चाहिए। पारदर्शिता और भरोसे के लिए ऐसा करना जरूरी है। इसके साथ ही इसका सरकारी ऑडिट होना चाहिए।

 

पीएम केयर्स का विरोध करने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा कह चुके हैं कि जब पहले से ही पीएम राष्ट्रीय आपदा कोष है तो फिर पीएम केयर्स फंड बनाने की क्या आवश्यकता है? वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट में लिखा था, ‘प्रधानमंत्री को एक नया चैरिटेबल कोष, जिसके नियम तक साफ नहीं हैं, बनाने की बजाय क्यों नहीं, पीएमएनआरएफ का ही नाम बदल कर पीएम केयर्स कर देना चाहिए था।’

 

बता दें कि पीएम केयर्स में करोड़ों का फंड जमा हो चुका है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों ने भी बड़े पैमाने पर इसमें दान दिया है, लेकिन इसकी पारदर्शिता को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि जब जनता समेत तमाम कंपनियों का पैसा इसमें दान दिया जा रहा है, तो इसकी सरकारी जांच क्यों ना हो?