भारत- पाकिस्तान एक दुसरे का आलू प्याज खा सकते हैं तो क्रिकेट क्यों नहीं खेल सकते- शोएब अख्तर

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पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों की बहाली पर जोर दिया है।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, शोएब के मुताबिक, अगर दोनों देश एक दूसरे का आलू प्याज खा सकते हैं, कारोबार कर सकते हैं, तो फिर क्रिकेट में ही सियासत क्यों होती है।

 

अपने यूट्यूब चैनल पर अख्तर ने कहा कि अगर दोनों मुल्कों को एक दूसरे के यहां जाकर खेलने में दिक्कत है तो फिर उन्हें किसी तीसरे देश यानी न्यूट्रल वेन्यू पर खेलना चाहिए।

रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर इस तेज गेंदबाज ने कहा- भारत की कबड्डी टीम पाकिस्तान में है। उसे यहां काफी मान सम्मान मिल रहा है।

 

डेविस कप में भी हम एक दूसरे के खिलाफ मैदान में होते हैं। या तो सब बंद कर दीजिए या फिर सब शुरू करें।

 

दोनों देशों के बीच आखिरी सीरीज 2012-13 में खेली गई थी। तब पाकिस्तान टीम तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलने भारत आई थी। दोनों टीमों का आखिरी टेस्ट मैच 13 साल पहले यानी 2007 में खेला गया था।

 

हालांकि, आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप में दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलती रही हैं। शोएब ने इसी बात का जिक्र किया।

 

कहा, “हम कबड्डी खेल सकते हैं, डेविस कप में खेल सकते हैं तो क्रिकेट में क्या हर्ज है? आईसीसी टूर्नामेंट्स या एशिया कप भी तो न्यूट्रल वेन्यूज पर होते हैं। ऐसा ही बाइलेट्रल सीरीज में भी हो सकता है।”

 

 

शोएब ने मेहमानवाजी के लिहाज से पाकिस्तान को दुनिया का सबसे बेहतरीन मुल्क बताया। कहा, “वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली या सचिन तेंडुलकर से पूछिए। हम कितने अच्छे मेजबान और मेहमानवाज हैं।

 

आपस में जो भी मतभेद हों, लेकिन इससे क्रिकेट को नुकसान नहीं होना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि भारत-पाकिस्तान जल्द ही बाइलेट्रल सीरीज खेलेंगे। इसके लिए कोई न्यूट्रल वेन्यू चुना जा सकता है।”

 

अख्तर के मुताबिक, पाकिस्तान अब हर लिहाज से महफूज मुल्क है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अब बिल्कुल सुरक्षित देश है। यहां कोई भी आ सकता है। भारत की कबड्डी टीम यहां आई। उनको मान-सम्मान मिला।

 

बांग्लादेश और श्रीलंका की टीमें यहां सीरीज खेल कर गईं। एमसीसी की टीम यहां है और पीएसएल भी हो रहा है। मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि बंद करना है तो सभी चीजें बंद होनी चाहिए।

 

कारोबार हो या कबड्डी। क्रिकेट की बात होती है तो सियासत होने लगती है। ये गलत है। दोनों देश क्रिकेट खेलेंगे तो इससे कमाई भी होगी।”