CBI सरकार के नियंत्रण से मुक्त हो, निष्पक्ष और सक्षम जांच एजेंसी बने!

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इंद्र वशिष्ठ, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जिन मामलों में राजनीतिक रंग नहीं होता, उनमें सीबीआई अच्छा काम करती है।
सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से अलग करने के लिए सीएजी के समान वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया को सरकार/राजनीतिक के दबाव से दूर रखने के लिए इसको कंट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) के समान वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सीबीआई सरकार के ‘प्रशासनिक नियंत्रण’ से पूरी तरह ‘अलग’ हो सकेगी।

रंजन गोगोई ने कहा, सीबीआई की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए न्यायपालिका लगातार कोशिश कर रही है. सीबीआई को राजनीतिक प्रभाव से बचाने के लिए अदालतों ने कई गाइडलाइंस जारी की हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई पर उठाया सवाल-

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सीबीआई द्वारा आयोजित डी पी कोहली मेमोरियल लेक्चर के 18वें संस्करण में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीबीआई की कमियों और ताकतों के बारे में साफ बात की और उसे आगे बढ़ने के बारे में सलाह भी दी। उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि कई हाई प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों में एजेंसी न्यायिक जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाई है। यह बात भी उतनी ही सच है कि इस प्रकार की खामियां शायद कभी-कभार नहीं होती।’

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार के मामले प्रणालीगत समस्याओं को उजागर करते हैं और संस्थागत आकांक्षाओं, संगठन की संरचना, कामकाज की संस्कृति और शासन करने वाली राजनीति के बीच तालमेल की गहरी कमी की ओर संकेत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा क्यों है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है।

सीबीआई निष्पक्ष और सक्षम जांच एजेंसी बने।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाल ही में लोकपाल का लागू होना एक अच्छी प्रगति है, लेकिन मौजूदा चुनौती यह तय करने की है कि सीबीआई को कैसे एक सक्षम और निष्पक्ष जांच एजेंसी बनाया जाए जो जनता की सेवा करने के उद्देश्यों से पूरी तरह प्रेरित हो, संवैधानिक अधिकारों और लोगों की स्वतंत्रता को बरकरार रखे और जटिल समय में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हो।

उन्होंने ने सीबीआई में स्टाफ की कमी को भी एक प्रमुख चिंता बताया।

सुप्रीम कोर्ट ने विनीत नारायण मामले में सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए गाइडलाइंस जारी की थी. इन सभी कारणों से सीबीआई की स्वायत्तता पर बुरा असर पड़ रहा है।

मुख्य न्यायाधीश ने इस अवसर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले सीबीआई अफसरों और कर्मचारियों को पदक और प्रशंसा पत्र प्रदान किए।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा सीबीआई के 32 अफसरों / कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए हैं।