आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आलोक वर्मा कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे। पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चयन समिति तथ्यों के आधार पर इसका विचार करे।
कोर्ट के फैसले के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आलोक वर्मा को पूरी ताकत के साथ सीबीआई चीफ के पद पर वापस लाया जाना चाहिए था।
Govt has called a meeting of the Committee of PM, LOP & CJI today itself to seek CBI Chief Verma's removal (who was restored by SC yesterday). CJI has deputed Justice Sikri for the meeting. Astounding desperation of Govt to prevent FIR by Verma on our Rafale complaint. https://t.co/9O4c9X2kJY
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 9, 2019
प्रशांत भूषण ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के छुट्टी पर भेजने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र को ये फैसला लेने से पहले सिलेक्ट कमिटी, सीजेआई, प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष से सहमति लेनी चाहिए थी।’
प्रशांत भूषण ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे पावरलेस रहेंगे। वे कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे, ये अधूरी जीत है। वरिष्ठ वकील ने बताया कि कोर्ट ने प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सीजेआई वाली उच्च स्तरीय कमेटी के पास ये मामला भेजने को कहा है जो एक सप्ताह के भीतर इस पर केस पर फैसला लेगी।
साभार- ‘वन इंडिया हिन्दी’