हाथरस कांड: CBI ने गैंगरेप, हत्या और SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया!

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उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में नया मोड़ आ गया है। करीब एक सप्ताह पहले इस मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376डी, धारा 307 और धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

 

इंडिया डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, धारा 376डी गैंग रेप से जुडा है जबकि धारा 307 हत्या को कोशिश से संबंधित है। धारा 302 हत्या का होता है. इसके अलावे सीबीआई ने एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है।

मामले में नया मोड़ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यूपी पुलिस लगातार कहती रही है कि घटना में बलात्कार के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार मामला दर्ज करने के कुछ ही समय बाद सीबीआई की एक टीम हाथरस पहुंच गई। वहां पर उसने हाथरस के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।

 

हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि सीबीआई की टीम आई है और वह इस मामले से जुड़े दास्तावेज अपने कब्जे में ले रही है। इसमें केस डायरी और अब की जांच के दौरान मिले साक्ष्य हैं।

 

उन्होंने अखबार से कहा कि रविवार को सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और सोमवार से मामले की जांच शुरू हो जाएगी।

 

अखबार ने एक अन्य अधिकारी से हवाले से लिखा है कि सीबीआई की टीम ने अभी तक पीड़िता के परिवार से नहीं मिली है। अगले कुछ दिनों तक सीबीआई के 15 अधिकारी हाथरस में रहेंगे।

 

 

गौरतलब है कि हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।

 

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने यह मामला गाजियाबाद इकाई को सौंपा है और अब इसकी जांच एक विशेष दल करेगा। कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को मौत हो गई थी।

 

इसके बाद जिला प्रशासन के कथित दबाव में लड़की का जल्दबाजी में रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

 

घटना में लड़की के गंभीर रूप से घायल होने और उसकी मृत्यु के बाद प्रशासन द्वारा उसका देर रात कथित जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर लोगों में बहुत रोष था जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली से लेकर हाथरस तक राजनीतिक घमासान शुरू हो गया।

 

जनता की नाराजगी और विपक्ष के विरोध के बाद राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर मामला विधिवत तरीके से सीबीआई को सौंप दिया।