धार्मिक स्थलों को लेकर गाइडलाइन जारी, पढ़ें नियम

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को धार्मिक स्थलों को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसमें कहा गया है कि परिसर में प्रवेश से पहले सभी को अपने हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे. प्रवेश द्वार पर ही सबके शरीर का तापमान चेक किया जाएगा. किसी भी धार्मिक स्थल में घंटी बजाने, मूर्ति छूना मना होगा. आगामी 8 जून से धार्मिक स्थलों के दरवाजें सभी लोगों के लिए खुल जाएंगे.

नई एसओपी के मुताबिक, केवल उन्हीं को प्रवेश मिलेगा, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं होगा. बिना फेस मास्क पहने लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंध है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस गाइडलाइन में धार्मिक स्थल में पूजा-पाठ और प्रार्थना संबंधी लिए कई जरूरी नियमों के पालने के लिए कहा है. गाइडलाइन में गर्भवती महिलाएं, 65 साल से ऊपर आयु वाले काम पर जाने से बचें, केवल फेस मास्क पहनने वालों को एंट्री मिले, थूकने पर पूरी पाबंदी

धार्मिक स्‍थल पर इन बातों पर ध्‍यान दें
– परिसर के बाहर की दुकानों, स्टॉल में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा
– परिसर के बाहर और अंदर चिन्‍हित करें जिससे कतार में लोग एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बना सकें.
– परिसर में प्रवेश और बाहर जाने वाले लोगों के लिए अलग-अलग द्वार का प्रयोग करें.
– प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम 6 फीट की दूरी बनाएं.
– धार्मिक स्थलों में फेस मास्क पहने लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा.
– धार्मिक स्थल पर लोग एक साथ बड़ी संख्या में एकत्र‍ित न हों
– सभी को एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखनी होगी.
– धार्मिक स्थल में प्रवेश द्वार पर हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होनी चाहिए
– सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है.
– बिना लक्षण वाले श्रद्धालु को ही धार्मिक स्थल में प्रवेश दिया जाए.
– अगर किसी को खांसी, जुखाम, बुखार है तो उसे तुरंत प्रवेश करने से रोक दें.
– कोविड-19 से जुड़ी जागरूकता वाले पोस्टर, बैनर धार्मिक स्थल परिसर में लगाने होंगे
– कोविड-19 से जुड़ी जागरूकता वाला वीडियो भी चलाना होगा.
– कोशिश हो कि एक साथ ज्यादा श्रद्धालु न पहुंचे
– सबको अलग-अलग करने की कोशिश करें.
– जूते, चप्पल श्रद्धालुओं को खुद की गाड़ी में उतारने होंगे
– अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो परिसर से दूर खुद की निगरानी में रखना होगा.
– अगर ज्यादा भीड़ आ जाए तो सोशल डिस्टेसिंग का ख्याल रखते हुए पार्किंग मैदान में क्राउड मैनेजमेंट करें.
– धार्मिक स्थल में समय-समय पर सैनिटाइजेशन करना जरूरी होगा
– जहां हाथ-पांव धोए जा रहे हैं, बाथरूम और टॉयलेट में विशेष ध्यान होगा.
– धार्मिक स्‍थल में परिसर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर पानी और साबुन से धोने होंगे
– हाथ-पैर धुलने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.
– प्रतीक्षा स्थल में में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है
– एसी का तापमान 24 से 30 डिग्री रखना होगा.
– आद्रता का 40 से 70 के बीच रखनी होगी
– इसके अलावा कमरे में ताजी और साफ हवा आनी चाहिए
– मंदिर में मूर्ति, किताबों, घंटी, दीवारों को छूना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा
– परिसर में थूकने पर प्रतिबंध है.
– परिसर में बड़ी संख्या में लोगों का जुटना मना है.
– गायन-भजन समूह में बैठकर नहीं कर सकेंगे
– ऑडियो कैसेट के जरिए भजन चला सकेंगे.
– परिसर में प्रसाद वितरण, श्रद्धालुओं पर जल के छिड़काव पर प्रतिबंध.
– सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लंगर, सामुदायिक किचन या अन्न दान कर सकते हैं
– फेस मास्क, ग्‍लव्‍स को सही तरीके से नष्ट करने की व्‍यवस्‍था

कोविड-19 या संदिग्ध मिले तो ये करना होगा
– तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी.
– जिस जगह पर संक्रमित पाया जाएगा वो वहां पर मौजूद लोगों को आइसोलेट होना होगा.
– संदिग्ध की जांच के दौरान उसके आस-पास के लोगों को चेहरा ढंककर रखना होगा और उससे पर्याप्त दूरी बनाए रखना होगा.
– पूरे परिसर को डिसइंफेक्टेड करवाना होगा.