लगभग 18 महीनों के लिए नए कृषि कानूनों को टालने के लिए तैयार केंद्र: तोमर

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दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 56 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने की सरकार की आज की कोशिश की नाकाम रही।

ज़ी बीज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। लेकिन बैठक के दौरान सरकार ने सहमति बनने तक कृषि कानूनों को एक साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव दिया।

किसान और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी।

बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों को बताया है कि सरकार किसानों के मन में किसी भी तरह की शंका को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है, अगर जरूरत पड़ी तो सरकार भी कानूनों को लागू करने पर एक साल तक इंतजार कर सकती है।

उधर, किसान सरकार के इस प्रस्ताव पर भी राजी नहीं हुए। किसान नेता दर्शन पाल सिंह कि वे 500 किसान संगठन हैं, सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को वे अपना जवाब देंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को डेढ़-दो साल तक होल्ड पर रख सकते हैं।

कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में 3 कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बात हुई।