चीन: कोरोना वायरस के 37 हजार नये मामलें से दहशत में लोग!

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चीन में कोरोनावायरस से अब तक 803 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 37000 मामले सामने आ चुके हैं। चीन में उच्च स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर काफी हैरान करने वाला है।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, जानकारों का मानना है कि कोरोना को रोकने में विफल रहे चीन में पहली दफा जनता की नजरों में उनके सरकारी तंत्र की पोल खुलकर सामने आ गईहै, जिसे बड़े स्तर पर सफलतापूर्वक कार्य करने में दक्ष माना जाता था।

 

चीन के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने कार्यकाल में नौकरशाहों और टेक्नोक्रेट्स से ज्यादा पार्टी काडर को तवज्जो दी है।

 

वुहान में कोरोनावायरस फैल रहा था, तब वहां की मेयर ने सरकार पर आरोप लगाया था कि रोग नियंत्रक अधिकारियों ने नौकरशाही पर जिम्मेदारी डाल दी। सरकार में बैठे नेताओं ने तो जनता को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।

 

इसके चलते पार्टी काडर नौकरशाही पर हावी हो गया है। नौकरशाह ऐसा कोई भी निर्णय लेने से कतराते हैं, जिससे सरकार की आलोचना हो रही है।

 

सूत्रों का कहना है कि पिछले सप्ताह एक बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकारा था कि कोरोना वायरस चीन के लिए कड़ी परीक्षा साबित होगा। लेकिन इसके बावजूद हालात विकट ही नजर आए।

 

अधिकारी वुहान समेत कई शहरों में अहम जानकारियां छिपाते रहे या भ्रामक जानकारी देते रहे।

 

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर शायद ही कोई सवाल करने की हिम्मत करता है। लेकिन मौजूदा परिदृश्य में शी की सार्वजनिक रूप से अनुपस्थिति पर लोग सवाल उठा रहे हैं।

 

वे उनकी तस्वीर पोस्ट कर पूछे रहे हैं कि शी कहां हैं? खासतौर पर डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत के बाद तो जनता में रोष व्याप्त हो गया है।