शर्मनाक: मुस्लमानों को जबरन सुअर खाने पर किया जा रहा है मजबूर!

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चीन मुसलमानों के वजूद को पुरी तरह खत्म कर रहा है। मुसलमानों पर हो रहे जुल्म का इतिहास बताता है कि चीन अपने देश से इस्लाम को मानने वाले लोगों के वजूद को मिटा रहा है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, शिनजियांग प्रांत की जेल में दो महीने कैद में समय बिताने वाले ओमिर बेकाली ने कहा कि चीन में चल रहे इन शिविरों का मुख्य उद्देश्‍य लोगों की धार्मिक सोच खत्म कर देना है। इस्लाम में सूअर खाने की सख्त मनाही है।

चीन के इन शिविरों में मुसलमानों को शुक्रवार के दिन सूअर खाने को विवश किया जाता है, जबकि यह दिन इस्लाम मानने वालों के लिए सबसे हराम और अपवित्र है। ओमिर ने बताया कि नमाज अदा करने और दाढ़ी बढ़ाने वालों को भी ये लोग कट्टरवादी कहकर हिरासत में बंद कर देते हैं।

बंधकों को अपनी स्थानीय भाषा बोलने की भी आजादी नहीं है। कैदियों को स्टुडेंट कहकर बुलाने वाले अधिकारी सहित सारे लोग सिर्फ चीनी भाषा इस्तेमाल करते हैं। ओमिर उन गिने-चुने लोगों में से हैं जो चीन की इन शिविरों से अभी तक बाहर निकल पाए हैं।

चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में उइगर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत किसी छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गली-चौराहों पर सख्त निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए हैं। हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जाती है। उइगर समुदाय का कहना है कि कम्युनिस्ट पार्टी ने उनके घरों के अंदर भी नजर रखनी शुरू कर दी है।

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एमनेस्टी और मानवाधिकार वाच समेत कई मानवधिकार संगठनों का दावा है कि इन शिविरों में जबरन चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वफादारी की कसम दिलवाई जाती है।

विश्व उइगर कांग्रेस का कहना है कि शिविरों में बिना आरोप बंदी बनाकर रखा जाता है और जबरन कम्युनिस्ट पार्टी के नारे लगाने को कहा जाता है। हालांकि चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है।