मेरे उत्तराधिकारी का निर्णय चीन नहीं कर सकता- दलाई लामा

   

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चुनाव को लेकर चीन को बड़ी नसीहत दी है। दलाई लामा ने कहा है कि मेरे उत्तराधिकारी का निर्णय चीन नहीं कर सकता क्योंकि यह उसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, दलाई लामा ने कहा है कि मेरे उत्तराधिकारी का निर्णय तिब्बत की जनता लेगी। बता दें कि इस मामले पर भारत और चीन के बीच शुरू से तनातनी रही है।

हाल ही में चीन ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का निर्णय चीन में होना चाहिए और इस मुद्दे पर भारत का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

चीन अगले दलाई लामा की नियुक्ती में कोई आध्यात्मिक प्रक्रिया शामिल करने के पक्ष में नहीं है, वहीं दूसरी तरफ तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का चयन पारंपरिक रूप से होता है, जिसमें आध्यात्मिक प्रक्रिया शामिल होती है।

वर्तमान दलाई लामा (84) के मुताबिक, उनके उत्तराधिकारी को चुनने की प्रक्रिया वर्ष 2025 में तब आरंभ होगी जब वह 90 वर्ष के हो जाएंगे।

दलाई लामा ने अपने एक बयान में कहा था कि सियासी तरीके से चुने गए उम्मीदवार को कोई मान्यता नहीं मिलनी चाहिए, जिसमें चीन गणराज्य की जनता भी शामिल हैं।

दलाई लामा ने हालांकि अपने उत्तराधिकारी के चयन के लिए आयोजित होने वाली तमाम प्रक्रियाओं को स्पष्ट नहीं किया है, किन्तु विद्वानों का कहना है कि बौद्ध मठों में प्रार्थनाओं और तांत्रिक अनुष्ठानों के साथ उनके पुनः देह धारण (पुनर्जन्म) की कामना की जाती है।