उइगुर मुस्लिम अल्पसंख्यक पर जुल्म पॉप फ्रांसीसी ने चीन पर की टिप्पणी!

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शीर्ष इसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने पहली बार चीन के उईगुर मुसलमानों के लिए ‘सताए हुए’ शब्द का उपयोग किया है। इसे चीन के लिए झटका माना जा रहा है। 

 

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, द पाथ टू ए बेटर फ्यूचर’ किताब में कोरोना महामारी को लेकर भी अपनी बात रखी है और दुनिया भर की सरकारों से आह्वान किया है कि वो यूनिवर्सल मिनिमम वेज सिस्टम पर काम करें, खासकर कोरोना महामारी की वजह से दुनिया में जो परेशानियां गरीब परिवार झेल रहे हैं, उन्हें देखते हुए।

 

ताकि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें. करीब 150 पन्नों की ये किताब पोप ने अपने अंग्रेजी भाषा के साथी लेखक ऑस्टेन एवेरेग के साथ मिलकर लिखी है।

 

यह किताब 1 दिसंबर को बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगी। किताब में फ्रांसिस आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों की बात करते हुए कहते है कि महामारी के समाप्त होने के बाद असमानताओं को दूर करने की आवश्यकता है।

 

किताब में उन्होंने लिखा है, ‘मुझे लगता है कि अक्सर सताए हुए लोग होते हैं: रोहिंग्या, गरीब उईगुर, यजीदी।’ इसके अलावा उन्होंने मुस्लिम देशों में सताए गए ईसाइयों के बारे में भी बात की है।

 

ऐसा पहली बार है जब पोप फ्रांसिस ने उईगुरों का जिक्र किया है। हालांकि वो म्यांमार के रोहिंग्या और इराक के यजीदी लोगों पर पहले भी अपनी बात रख चुके हैं।

 

पोप फ्रांसिस ने किताब के विमोचन के मौके पर दुनिया भर में फैली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असमानता पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इन असमानताओं को दूर करने का प्रयास पूरी दुनिया को करना होगा।