कोविड-19 पर रिपोर्टिंग करने वाली पत्रकार को चीन में चार साल की सज़ा!

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सोमवार को चीन की एक कोर्ट ने कोरोनावायरस पर वुहान से रिपोर्टिंग करने वाली महिला पत्रकार झांग झान को चार साल की सजा सुनाई।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, झांग वुहान के बारे में सरकारी राय से अलग, असल हालात दिखा रहीं थीं। झांग के साथ चार अन्य पत्रकार कुछ महीने पहले अचानक वुहान से गायब हो गए थे।

दो पत्रकार चेन क्विशी और लि जेहुआ को बाद में छोड़ दिया गया था, एक पत्रकार अभी भी गायब है।

कोर्ट में कार्यवाही के दौरान झांग सिर्फ यही कहती रहीं कि लोगों की आवाज़ को नहीं दबाना चाहिए।

चीन के मैसेजिंग एप वी चैट पर झांग के वकील ने लिखा कि कार्यवाही तीन घंटे से भी कम चली और झांग व्हीलचेयर पर पैरवी के लिए पेश हुईं।

वकील ने कुछ दिन पहले बताया था कि झांग का वज़न बहुत कम हो गया है और वह कमजोर भी हो गई हैं।

झांग फरवरी में कोरोना का प्रकोप जानने और मृतकों की असल संख्या पता लगाने के लिए वुहान पहुंची थीं।

कई महीनों तक उन्होंने वुहान में भरे हुए अस्पतालों के असली हालात और रोजगार को लेकर चिंतित लोगों की कहानियां वीडियोज़ बनाकर शेयर की थीं। झांग ने अपने वीडियोज़ में सरकार की घोर आलोचना करते हुए कहा था कि वायरस के बारे में सच और वुहान में निर्दयता से लगाए गए लॉकडाउन की हकीकत उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर्स को निशाना बनाया जा रहा है।

झांग के वकील ने बताया था कि अपनी गिरफ्तारी और अभियोग के खिलाफ झांग ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी, इसे कुचलने के लिए उनके हाथ बांधकर गले में ट्यूब लगाकर तरल पिलाने की कोशिश की गई थी।

37 वर्षीय झांग झान फरवरी में वुहान पहुंची थीं। मई में जारी वीडियो में उन्होंने कहा था कि वुहान के प्रबंधन का सरकारी तरीका सिर्फ डराने और धमकाने का रहा है।

यह उनका आखिरी वीडियो था। उसके बाद उन्होंने संदेशों का भी जवाब देना बंद कर दिया था। उनके मित्रों को बाद में पता चला कि झांग को झूठ और गलत जानकारी फैलाने के आरोप में जबरन शंघाई भेज दिया गया था।