चीन में उइगर मुस्लिमों के हालात लगातार हो रहे हैं खराब!

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चीन में उइगर मुस्लिम सुर्खियों में हैं। उइगर मुसलमानों पर चीन सरकार का कहर का दौर अभी थमा नहीं है। चीनी सरकार उन पर गुलामों की तरह व्‍यवहार कर रही है। उनकी धार्मिक आजादी को तार-तार किया जा रहा है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, चीन के नए फरमान से तो उनकी धार्मिक आजादी खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। लेबर ब्यूरो ऑफ क्वापकाल की ओर से जारी किए आदेश में कहा गया है कि ऐसे लोगों को काम पर लगाया जाएगा जो अपने निहित स्वार्थ और विचार के कारण इस कार्य से दूर हैं। इतना ही नहीं इस कार्य के लिए एक निर्धारित कोटा तय किया गया है।

इसके लिए चीन की सरकार ने बाकयादा एक वर्कशॉप कार्यक्रम का आयोजन किया है। कुछ सप्‍ताह चले इस वर्कशॉप में मुस्लिम कामगारों को जूते बनाने, कपड़े सिलने, गली साफ करने जैसे काम में लगाया जा रहा है।

चीन प्रशासन द्वारा मुस्लिम नागरिकों को इन फैक्ट्रियों में कामगर के तौर पर लगाने के लिए यह अभियान जारी है। इन मुस्लिमों को यहां की फैक्ट्रियों में श्रम कार्य में लगाया जा रहा है, जबकि यह कार्य उनकी इच्‍छा के विपरीत है।

चीन का यह नया फरमान उसके शिनझियांग प्रांत में लागू किया गया है। चीन की सरकार ने जानबूझ कर इस प्रांत में उक्‍त योजना को लागू किया है।

चीन सरकार की ओर से जारी इन योजनाओं के पीछे राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सोची समझी रणनीति है। दरअसल, चीन के शिनझियांग प्रांत में मुस्लिम अल्‍पसंख्‍यकों की बड़ी आबादी रहती है। मुस्लिम बहुल शिनझियांग प्रांत को चीनी राष्ट्रवाद से जोड़कर इस परिक्षेत्र पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं।

शिनझियांग प्रांत की कुल आबादी में आधा हिस्सा मुस्लिमों का है। चीन की सरकार अपने अल्पसंख्यकों के लिए कई सख्त कार्यक्रम चला रहा है। इनमें सोशल इंजिनियरिंग के साथ शिविरों में प्रशिक्षण कार्यक्रम हैं। इन शिविर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दस लाख से अधिक मुस्लिम लोगों को भर्ती किया गया है