मुसलमानों पर जुल्म को लेकर चीन के खिलाफ़ अमेरिका में बिल पास, चीन ने दी धमकी!

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अमेरिका में वह बिल भारी बहुमत से पास हो गया है जिसमें चीन में उइगुर मुसलमानों के साथ होने वाले सुलूक को मानवाधिकारों का गंभीर हनन बताया गया है। चीन ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि वह बस आतंकवाद से निपट रहा है।

अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा ने मंगलवार को इस बिल को पारित किया।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, इसका मकसद चीन पर दबाव बढ़ाना है जिसने पिछले कुछ समय में पश्चिमोत्तर चीन में रहने वाले उइगुर मुसलमानों पर कई पाबंदियां लगाई हैं और लाखों लोगों को खास शिविरों में रखा जा रहा है। इस बिल को अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पहले ही पास किया जा चुका है।

उइगुर ह्यूमन राइट्स एक्ट ऑफ 2019 के मुताबिक उइगुर, कजाख और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के दस लाख से ज्यादा लोगों को तथाकथित रीएजुकेशन शिविरों में रखा गया है। कैंप में इन लोगों के साथ होने वाले बर्ताव को बिल में मानवाधिकारों का गंभीर हनन बताया गया है।

कैंपों में इन लोगों को कम्युनिस्ट पार्टी की राजनीतिक घुट्टी पिलाई जाती है। उनके उत्पीड़न और पिटाई होने की खबरें भी आती हैं। उन्हें पर्याप्त खाना ना मिलने की शिकायतें भी मिलती हैं। यही नहीं, उनकी धार्मिक और भाषाई आजादी भी उनसे छीनी जा रही है।

एक्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से उन चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने को कहा गया है जिन्होंने चीन की उइगुर नीति तैयार की है. इनमें शिनचियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख छेन छुआंगकुओ भी शामिल हैं।

सीनेटर मार्को रूबियो कहते हैं, चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी व्यवस्थित तरीके से शिनचियांग में रहने वाले उइगुर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जातीय रूप से सफाया करने के लिए काम कर रही है।

रिपब्लिकन सांसद ने कहा, आज, कांग्रेस ने मानवाधिकारों के हनन के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक और अहम कदम उठाया है।

इस बीच, प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पलोसी ने बिल पर मतदान से पहले कहा, आज बीजिंग की बर्बर कार्रवाइयों के कारण उइगुर लोगों की मानवीय गरिमा और मानवाधिकार खतरे में हैं, जो दुनिया की सामूहिक चेतना के लिए बेहद अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चीन की तरफ से उइगुर लोगों के मानवाधिकार हनन के कदमों को रोकने के लिए अहम कदम उठा रही है।