चीन ने रहस्यमय कोरोना वायरस के प्रसार का केंद्र माने जा रहे एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले वुहान समेत पांच शहरों में आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। इनमें 75 लाख की आबादी वाले हुआंगगांग, इझोऊ, झिजियांग और कियानजियांग शहर शामिल हैं। गुरुवार से इन पांचों शहरों में सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगा दी गई। सांस लेने में परेशानी का कारण बनने वाला यह वायरस चीन के कई शहरों को अपनी चपेट में लेने के बाद अमेरिका तक पहुंच गया है। चीन में इस वायरस के प्रकोप से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 631 लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों को आशंका है कि चीन के नए साल (लूनर न्यू ईयर) की छुट्टियों के दौरान लाखों चीनी नागरिकों की देश-विदेश में आवाजाही से वायरस का प्रसार बढ़ सकता है। इसको देखते हुए बीजिंग के प्रमुख मंदिरों में नए साल पर आयोजित होने वाले समारोह को भी रद कर दिया गया है। चीनी नया साल शनिवार से शुरू होगा।
बीमारी से निपटने के लिए 1000 करोड़ रुपये किए गए जारी
चीन के वित्त मंत्रालय ने हुबेई की प्रांतीय सरकार को इस बीमारी से निपटने के लिए 14.5 करोड़ डॉलर (लगभग 1000 करोड़ रुपये) जारी किया है। मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान है। बुहान शहर के प्रशासन ने बताया कि शहर में सभी परिवहन नेटवर्क और बाहर जाने वाली उड़ानों को गुरुवार सुबह दस बजे से निलंबित कर दिया गया। प्रशासन ने शहरवासियों से आग्रह किया है कि वे वुहान से बाहर ना जाएं। इस एलान के कुछ घंटे बाद ही वुहान से 70 किलोमीटर दूर हुआंगगांग, इझोऊ, झिजियांग और कियानजियांग शहरों में भी इसी तरह की बंदिशें लगा दी गई।
वुहान के एक बाशिंदे ने बताया कि प्रमुख हाईवे, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी गश्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया में डाले गए वीडियो में वुहान में खाने-पीने और जरूरी सामान जमा करने के लिए सुपर मार्केट के साथ ही गैस और पेट्रोल स्टेशनों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गई।
वुहान शहर को बंद किए जाने से वहां फंसे भारतीय छात्रों को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस शहर में लगभग सात सौ भारतीय छात्र रहते हैं। इनमें से ज्यादातर मेडिकल के छात्र हैं। हालांकि, छुट्टी के चलते इनमें से ज्यादातर छात्र अपने घरों को गए हैं। भारतीय दूतावास ने गुरुवार को इन छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। चीनी अधिकारियों से भी इन छात्रों तक खाने-पीने के सामान पहुंचाने का अनुरोध किया है।
क्या है कोरोना वायरस
वुहान में सबसे पहले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) रोगाणु जैसे रहस्यमय कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। इस वायरस का अभी कोई ज्ञात उपचार नहीं है। सांस संबंधी दूसरी बीमारियों की तरह ही बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत इस संक्रमण के लक्षण हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।